एमपीपीएससी में चयनित लोकसेवकों ने की चाय पर चर्चा, बताए सफलता के गुर

Public servants selected in MPPSC discussed over tea and shared the tricks of success

चायनामा – जीवन एवं कला संवाद सत्र-5

प्रेयर फॉर नेचर, प्रेयर फॉर वाटर, प्रेयर फॉर एयर हर स्कूल में होना चाहिए- राजेश गुप्ता

चाय की प्याली में दुनिया को बदलने की ताकत है – सुनील अवसरकर

भोपाल। मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग की कठिन परीक्षा उत्तीर्ण कर शासकीय सेवा में आए लोक सेवकों ने कल चाय की चुस्कियो के बीच अपनी सफलता के गुर साझा किये। यह सभी हेल्प डेस्क फाउंडेशन के आयोजन चाय नाम में शिरकत करने आए थे। इस बार चायनामा एक अलग अंदाज में आयोजित हुआ। रिमझिम बारिश के मध्य बड़े खुशनुमा माहोल में शेरो शायरी और कविता के साथ यह आयोजन हुआ जिसमें सभी प्रतिभागियों ने अपनी जीवन और संघर्ष यात्रा साझा की।

हैल्पबॉक्स फाउंडेशन के सोश्योआर्ट इनिशिएटिव के तहत चायनामा के पांचवे संवाद सत्र का आयोजन शासन के सूत्र सम्हालने वाले नए युवाओं के साथ किया गया। इस संवाद सत्र में शहर के नव नियुक्त लोक सेवकों से उनकी जीवन यात्रा और संघर्ष पर चर्चा की। मुख्य अतिथी के रूप में अटल बिहारी सुशासन के डायरेक्टर राजेश गुप्ता उपस्थित थे।

आज भी संघ लोक सेवा आयोग और मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग एक प्रतिष्ठित और चुनौती पूर्ण परीक्षा मानी जाती है। इसमें किसी विद्यार्थी का चयन होना एक गौरव की बात होती है। चायनामा के इस संवाद सत्र में एम.पी.पी.एस.सी. से चयनित नव नियुक्त लोक सेवक जिसमें ज्योती राजोरे, मोनिका पटेल, ऐश्वर्या मुंद्रा, शीलू शर्मा, अमित कुमार विश्वकर्मा, नंदिनी डेहरिया तथा अभिषेक यादव ने अतिथी वक्ता के रूप में अपनी अपनी संघर्ष और सफलता की कहानियाँ साझा की।

राजेश गुप्ता ने अपने संबोधन में उपस्थित युवाओं को आगे बढ़ने के लिए मोटिवेट किया। उन्होंने कहा कि सदैव अपने आप के प्रति इमानदार रहे तभी इन परिक्षाओं में सफल हो सकते है। उन्होने थम्ब रूल के अलावा आर.ड्ब्यू.आर. का कांसेप्ट साझा किया। हर प्रतिभागी को रिडिंग, रायटिंग एवं रिवाईज का नियम अपनाना चाहिए। उन्होने कई शेर एवं कविताएं भी साझा की।

लोक सेवक अभिषेक ने घर के चांद सितारे लड़के शिर्षक से और आई.आई.एफ.एम. के स्टूडेंट यूसूफ ने जो रोशन करे घर को वो रोशनदान बैठा है कविता सुनाई।

कार्यक्रम के सुत्रधार सुनील अवसरकर ने कहा की चाय हमारे लिए किसी इमोशन से कम नहीं है! कहते हैं बोधिधर्म की पलकों से उपजी थीं चाय की पत्तियां…। उन्होने चाय पर महाराज कृष्ण संतोषी की सुंदर पंक्तियाँ – चाय की प्याली में दुनिया को बदलने की ताकत है… सुनाई।

इस अवसर पर पी.एस.सी. की तैयारी करने वाले स्टूडेंट के साथ हैल्पबॉक्स से कविता अवसरकर, राकेश नागर, तेज कुमार तथा कई गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।