पाक SC ने लगाई ISI को फटकार, कहा-‘देश को लेकर डर लगने लगा है’

इस्लामाबाद। पाकिस्तान की सर्वोच्च न्यायालय ने पिछले साल फैजाबाद के एक धार्मिक नेता के वित्त पोषण के स्रोत पर आईएसआई को अपनी गड़बड़ रिपोर्ट पेश करने के लिए जमकर फटकार लगाई। न्यायाधीश ने इस दौरान कहा कि वे देश को लेकर डर गए हैं।

शीर्ष अदालत ने पिछले साल नवंबर में फैजाबाद के पीछे धार्मिक पार्टी के नेता खडीम हुसैन रिजवी के वित्तीय विवरणों के बारे में इंटर सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) की ओर से पेश की गई रिपोर्ट पर असंतोष व्यक्त किया था। न्यायमूर्ति काजी फेज ईसा की अध्यक्षता वाली सर्वोच्च न्यायालय की दो सदस्यीय पीठ ने आज इस मामले की सुनवाई की।

सुनवाई के दौरान अदालत ने कहा कि इससे पाकिस्तानी पूंजी में एक ठहराव आया है। इस मुद्दे पर देश की प्रमुख खुफिया एजेंसी की रिपोर्ट पर असंतोष व्यक्त करते हुए न्यायमूर्ति ईसा ने टिप्पणी की कि अंतिम सुनवाई में बेंच ने रिजवी के वित्तपोषण के स्रोत के बारे में सूचित करने के लिए एजेंसी को कहा था।

अदालत ने आईएसआई की तरफ से रिपोर्ट पेश कर रहे डिप्टी अटॉर्नी जनरल सोहेल महमूद से पूछताछ कर आश्चर्य व्यक्त किया कि खुफिया एजेंसी रिजवी के आय के स्रोत से कैसे अनजान हो सकती है। जस्टिस मुशिर आलम ने सवाल किया कि आईएसआई ने रिजवी की आय, बैंक खातों के स्रोत, आयकर विवरण का उल्लेख क्यों नहीं किया।

न्यायमूर्ति ईसा ने टिप्पणी की कि इस रिपोर्ट को पढ़ने के बाद उन्हें देश कों लेकर डर पैदा हो गया है। रिजवी ने अरबों की पाकिस्तानी संपत्ति को नष्ट कर दिया और आज कोई भी नहीं जानता कि वह क्या करता है। द डॉन अखबार ने बताया कि सर्वोच्च न्यायालय ने फैजाबाद में आईएसआई की रिपोर्ट को पहले ही खारिज कर दिया था।

बता दें कि इसके पहले सुनवाई दो सप्ताह तक स्थगित कर दी गई। इस्लामाबाद में धार्मिक पार्टियों से जुड़े प्रदर्शनकारियों द्वारा प्रदर्शन के कारण 20 दिन तक सामान्य जीवन बाधित रहा, इसमें 6 लोगों की मौत भी हो गई है। प्रदर्शनकारियों ने रावलपिंडी और इस्लामाबाद को जोड़ने वाली फैजाबाद इंटरचेंज पर कब्जा कर लिया था।

इस बीच, एक आतंकवाद विरोधी कोर्ट (एटीसी) ने फैजाबाद सिट-इन मामले में रिजवी और अफजल कादरी और अन्य फरार हुए संदिग्धों की गिरफ्तारी का आदेश दिया है। मामले की कार्यवाही के दौरान, एटीसी ने निर्देश दिया कि रिजवी और कादरी के साथ अन्य फरार संदिग्धों को 4 अप्रैल को गिरफ्तार कर अदालत में पेश किया जाए।