लैंगिक भेद मिटाने की दिशा में संयुक्त अरब अमीरात ने उठाया बड़ा कदम, महिलाओं को दिया निजी सेक्टर में पुरुषों के बराबर का हक

संयुक्त अरब अमीरात प्रमुख शेख खलीफा बिन जायेद अल नाहयान ने नए कानून को लागू करने का फरमान जारी कर दिया है. निजी क्षेत्र में लैंगिक भेदभाव को समाप्त करते हुए संयुक्त अरब अमीरात ने बड़ा कदम उठाया है. खाड़ी देश की कैबिनेट ने 2018 में पहली बार प्रस्ताव को मंजूर किया था. उसके बाद दो साल तक मामला स्थगित रहा है. कानून बनने पर मानव संसाधन मंत्रालय ने कहा है कि लैंगिक समानता के चलते अंतरराष्ट्रीय और क्षेत्रीय स्तर पर देश की प्रतिष्ठा बढ़ेगी.
उसने वेतन विसंगतियों को दूर कर महिलाओं को बराबरी का अधिकार दिया है. इस सिलसिले में आज से नए कानून को प्रभावी बना दिया गया है. नए कानून के मुताबिक, महिला कर्मचारी पुरुषों के समान काम के बदले समान वेतन पाएंगीं.
यूएई जेंडर बैलेंस काउंसिल की अध्यक्ष शेखा मनल बिन्त मोहम्मद ने ट्विटर पर कहा, “संयुक्त अरब अमीरात में निजी सेक्टर में काम करनेवाली सभी महिलाओं को बधाई. इसमें कोई शक नहीं है कि सरकार के इस कदम से महिलाओं की सामाजिक समावेश को बढ़ावा मिलेगा. राष्ट्रीय विकास में महिलाएं अपना योगदान दे सकेंगी. और वैश्विक जेंडर इंडेक्स पर देश की स्थिति मजबूत होगी.”
लैंगिक असमानता दूर करने के लिए UAE की पहल
पिछले साल अक्टूबर में काउंसिल के लिए चुनाव हुआ था. जिसके बाद महिला और पुरुषों की सदस्य संख्या बराबर हो गई है. 2019 में संयुक्त राष्ट्र के जेंडर इन्वेकिलिटी इंडेक्स में संयुक्त अरब अमीरात का वैश्विक पैमाने पर 26वां नंबर था. हाल के वर्षों में संयुक्त अरब अमीरात ने लैंगिक समानता को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठाए हैं.