MP Cabinet: बिजली कंपनी को घाटे से उबारने सरकार देगी 6 हजार करोड़, 11 जिलों में होंगे किसान सम्मेलन

 

भोपाल। मोहन यादव कैबिनेट ने घाटे से जूझ रही विद्युत वितरण कंपनियों की आर्थिक स्थिति सुधारने को लेकर बड़ा फैसला लिया है। सरकार ने तय किया है कि RDSS योजना के अंतर्गत 6 हजार करोड़ रुपए से अधिक का राज्य अंश कंपनियों को लोन के बदले अंश पूंजी के रूप में दिया जाएगा। इसका फायदा यह होगा कि विद्युत वितरण कंपनियों का ऋण और ब्याज का भार कम होगा।

साथ ही 8376 करोड़ रुपए की लागत से प्रदेश के सभी जिलों में स्मार्ट मीटर लगाने के काम में तेजी आएगी। इसके साथ ही करीब दस हजार करोड़ रुपए की लागत से वितरण प्रणाली में तकनीकी और कमर्शियल लॉस रोकने का काम भी कम्पनियां कर सकेंगी।

सरकार ने तय किया है कि केंद्रांश के रूप में काटी गई एसजीएसटी की राशि भी विद्युत वितरण कंपनियों को अंश पूंजी के रूप में दी जाएगी। इससे विद्युत कंपनियों में सुधार के काम शुरू हो सकेंगे। ऊर्जा विभाग बिजली चोरी रोकन और घाटा कम करने का काम इससे कर सकेगा।

कैबिनेट बैठक में अनुपूरक बजट और विधेयकों पर भी चर्चा हुई है। हालांकि डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ल ने इस पर कोई जानकारी मीडिया को नहीं दी है।

प्रभार के जिलों में प्रेस काॅफ्रेंस करेंगे मंत्री

मुख्यमंत्री जन कल्याण अभियान 11 दिसंबर से 26 जनवरी तक चलेगा। इसमें एक साल में किए गए नवाचारों और जन कल्याण योजनाओं का लाभ दिलाने की मॉनिटरिंग करने का काम किया जाएगा। जो हितग्राही वंचित रह गए हैं, उन्हें लाभ देने का काम मिशन मोड में किया जाएगा।

करीब 45 योजनाओं के हितग्राहियों को 63 योजनाओं का लाभ दिलाने का काम किया जाएगा। सभी मंत्री प्रभार के जिलों में रहेंगे और प्रेस कांफ्रेंस कर सरकार की विकास योजनाओं और विकास कार्यक्रमों की जानकारी देंगे।

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जीआईएस 2025 में शामिल होने भोपाल आएंगे पीएम मोदी

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने मंत्रियों को बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मंगलवार को नई दिल्ली में भेंट हुई। भेंट के दौरान प्रधानमंत्री मोदी को मध्यप्रदेश आने का आमंत्रण दिया गया, जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया है। प्रधानमंत्री मोदी ने आगामी 24 फरवरी 2025 को भोपाल में हो रही ग्लोबल इन्वेस्टर समिट में आने की सहमति दी है। प्रधानमंत्री मोदी को मध्यप्रदेश में अन्य कार्यक्रमों के लिए भी आमंत्रित किया गया है। इसके लिए भी वे अपने कार्यक्रम निर्धारित कर अवगत करवाएंगे।

मंत्रियों के साथ पचमढ़ी में चिंतन करेंगे सीएम यादव

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कैबिनेट बैठक के दौरान मंत्रियों से कहा है कि आगामी 26 दिसंबर को पचमढ़ी में चिंतन शिविर का आयोजन किया जाएगा। बताया जाता है कि पचमढ़ी में होने वाले चिंतन शिविर में केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं के क्रियान्वयन के साथ नवाचार योजनाओं पर चर्चा होगी। इसके साथ ही उद्योग वर्ष के रूप में मनाए जाने वाले 2025 की कार्य योजना पर मोहन कैबिनेट प्लानिंग करेगी। चिंतन शिविर में मंत्रियों को प्रशिक्षण देने का काम भी किया जा सकता है।

धान मिलिंग में कोई परेशानी न आए

डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ल ने कैबिनेट के फैसलों की जानकारी दी। कहा कि आरडीएसएस में 60 प्रतिशत केंद्र शासन और 40 प्रतिशत राज्य शासन को देना है। इसमें कुल 18 हजार करोड़ स्वीकृत हुए हैं। इसमें 6 हजार रुपए राज्य शासन ने दे दिया है। धान मिलिंग के मामले में 2023-24 में मिलिंग, प्रोत्साहन और अपग्रेडेशन राशि देने का फैसला हुआ है। धान मिलिंग में कोई परेशान न आए। इसके लिए यह फैसला लिया है।

ऐसे मिलेगी मिलिंग में प्रोत्साहन राशि

कैबिनेट बैठक में खरीफ 2023-24 में प्रदेश में खरीदी जा रही धान की मिलिंग के लिए दी जाने वाली प्रोत्साहन और अपग्रेडेशन राशि की स्वीकृति दी गई है। मिलिंग राशि 10 रुपए प्रति क्विंटल और प्रोत्साहन राशि 50 रुपए प्रति क्विंटल दी जायेगी। साथ ही 20 % परिदान एफसीआई को करने पर 40 रुपए और 40 % परिदान एफसीआई को करने पर 120 रुपए प्रति क्विंटल अपग्रेडेशन राशि प्रदाय की जाएगी।

कैबिनेट बैठक में इन मुद्दों पर भी हुई चर्चा

11 नवीन केंद्रीय विद्यालयों की सौगात केंद्र सरकार ने दी है। इस पर भी कैबिनेट की बैठक में चर्चा हुई है। कैबिनेट ने पीएम नरेंद्र मोदी का इसके लिए आभार माना है।

केन-बेतवा लिंक परियोजना का शिलान्यास छतरपुर में होना है। इसमें पीएम नरेंद्र मोदी आ सकते हैं। तारीख जल्द तय होगी। संबंधित जिलों में जल सम्मेलन किए जाएंगे। परियोजना से एमपी की 41 लाख आबादी को पेयजल की सुविधा मिलेगी।

17 दिसंबर को पार्वती कालीसिंध चंबल परियोजना का शिलान्यास पीएम मोदी जयपुर से करेंगे। 11 जिलों में किसान सम्मेलन किया जाएगा जिसमें प्रभारी मंत्री मौजूद रहेंगे।

नर्मदापुरम में हुए रीजनल इंडस्ट्री काॅन्क्लेव में आए निवेश प्रस्तावों पर भी चर्चा की गई। 24 व 25 फरवरी को ग्लोबल इंन्वेस्टर समिट होना है। इसके लिए पीएम मोदी से समय मांगा गया है।

पीएम उच्चतर शिक्षा अभियान के संचालन को भी कैबिनेट ने मंजूरी दी है। इसमें चार कम्पोनेंट में काम होना है। इसमें 60 और 40 प्रतिशत का केंद्र और राज्य का अनुपात है। राज्य शासन ने अपने स्तर का निर्णय लिया है।