टीएमसी और भाजपा आमने सामने- अब ममता के लिए गले की फांस बना नबन्ना अभियान

कोलकाता। कोलकाता आरजी कर अस्पताल में लेडी डॉक्टर के साथ रेप और मर्डर के मामले को लेकर छात्र संगठनों ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के इस्तीफे की मांग को लेकर मंगलवार को कोलकाता में ‘नबन्ना अभियान’ या नबन्ना (राज्य सचिवालय) तक मार्च का आह्वान किया है। इसे देखते ही पूरे इलाके को किले में तब्दील कर दिया गया है। बता दें बीते 9 अगस्त को कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में महिला डॉक्टर की हत्या और रेप के मामले में भाजपा और टीएमसी आमने सामने हैं। भाजपा, टीएमसी पर हमलावर है। और इस विरोध प्रदर्शन का समर्थन कर रही है। 
इस प्रदर्शन को देखते हुए कोलकाता में सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता कर दी गई है। टीएमसी ने इस प्रदर्शन को भाजपा का साजिश बताया है। कोलकाता पुलिस के अनुसार ‘नबन्ना अभियान’ को देखते हुए शहर में 6000 से अधिक पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं। बन्ना भवन के बाहर कोलकाता पुलिस और हावड़ा सिटी पुलिस का 3 लेयर सुरक्षा घेरा है। इसे पार पाना छात्रों के लिए बेहद कठिन है। बता दें कि पहले बंगाल का सचिवालय रायटर्स बिल्डिंग में हुआ करता था। लेकिन जब 2011 में ममता बनर्जी सरकार में आई तो उन्होंने हावड़ा में हुबली नदी के किनारे बिल्डिंग को सचिवालय बनाया और उसे नबान्न नाम दिया। नब से मतलब है नया। नबन्ना एक बिल्डिंग है, जो हावड़ा में है। इसकी शुरुआत साल 2013 में की गई थी और 14 मंजिला इमारत है। यहां सबसे ऊपर वाले फ्लोर पर मुख्यमंत्री का ऑफिस है और माना जाता है कि 13वें फ्लोर में चीफ और होम सेकेट्री का ऑफिस है। वहीं चौथे और पांचवें फ्लोर पर कई विभाग हैं।बीजेपी ने ममता सरकार के भ्रष्टाचार के खिलाफ अपने अभियान को नबान्न चलो अभियान नाम दिया था। इसके बाद वामपंथी छात्र संगठनों ने भी नबन्ना अभियान चलाया था।