सिर्फ पूजा ही नहीं, ये IAS -IPS भी फर्जी दिव्यांगता का लाभ उठाने को लेकर सुर्खियों में

दिल्ली। ट्रेनी IAS अधिकारी पूजा खेडकर की नियुक्ति सवालों के घेरे में है। पूजा पर आरोप है कि सिविल सेवा परीक्षा पास करने के लिए उन्होंने फर्जी दिव्यांगता और ओबीसी सर्टिफिकेट दिए। अभी इस मामले की जांच चल ही रही है इस बीच कुछ और IAS अधिकारियों का नाम उछला है। ट्रेनी आईएएस पूजा खेडकर के विवाद ने भारत में आईएएस आईपीएस बन चुके कई पूर्व अन्य अफसरों को भी निशाने पर ला दिया है। पूजा के मामले के बाद सोशल मीडिया पर एक-एक करके कई अफसरों की कुंडली खोली जा रही है। उनपर भी आरोप लग रहे हैं कि वे भी गलत सूचना देकर, फर्जी कागजात से अफसर बने हैं।

पूजा के मामले के बाद जिन अधिकारियों के नामों की चर्चा सोशल मीडिया पर होने लगी है उनमें से कुछ नाम चर्चित भी हैं।

पूजा खेडकर के बाद पूर्व आईएएस अभिषेक सिंह समेत कुछ और नाम चर्चा में आ गए हैं। अभिषेक सिंह पर भी आरोप लगाए जा रहे हैं कि वह भी विकलांगता कोटे के तहत आईएएस बने।

इन आईएएस पर आरोप है कि कोटा आरक्षण का गलत लाभ उठाकर ये आईएएस बन बैठे।

प्रियांशु खाती: 2021 बैच के आईएएस अधिकारी हैं। इन्हें सिविल सेवा परीक्षा में 245 वीं रैंक मिली थी। सोशल मीडिया पर दावा किया जा रहा है कि इन्होंने ऑर्थो हैंडीकैप से संबंधित दिव्यांग प्रमाण पत्र जमा किया था। सोशल मीडिया पर ऐसी चर्चा चल रही है कि वह पूरी तरह से फिट हैं, जैसा कि सोशल मीडिया पर उनके कई पोस्ट से पता चलता है।

अभिषेक सिंह: पूर्व आईएएस अभिषेक सिंह ने एक्टिंग की दुनिया में करियर बनाने के लिए पिछले साल इस्तीफा दे दिया था। इस बीच सोशल मीडिया पर जिम में डांस करते और एक्सरसाइज करते हुए कथित वीडियो सामने आने के बाद यूपीएससी परीक्षा में विकलांग श्रेणी के तहत अपना स्थान सुरक्षित करने वाले अभिषेक सिंह की आलोचना हो रही है। सोशल मीडिया पर कई सवाल पूछे जा रहे हैं।

आसिफ के यूसुफ: हालिया घटनाक्रम में, 2016 बैच के आईएएस अधिकारी आसिफ के यूसुफ के मामले ने भी विवाद को जन्म दिया है। यूसुफ पर अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) आरक्षण श्रेणी के तहत अनुचित तरीके से लाभ प्राप्त करने के लिए आय प्रमाण पत्र बनाने का आरोप है। केंद्र सरकार के निर्देश के बाद, राज्य प्रशासन ने मुख्य सचिव की रिपोर्ट के निष्कर्षों के आधार पर एक जांच शुरू की। सोशल मीडिया पर इनको लेकर भी सवाल पूछे जा रहे हैं।

अनु बेनीवाल: इनके पिता एक आईपीएस अधिकारी थे। इनके मामले में सोशल मीडिया पर यह दावा किया जा रहा है कि आईपीएस अधिकारी की बेटी होने के बावजूद इनका चयन ईडब्ल्यूएस कोटे के तहत कैसे हुआ। अनु बेनीवाल आईपीएस अधिकारी हैं।

 

निकिता खंडेलवाल: सोशल मीडिया पर यह दावा किया जा रहा है कि 2014 बैच की निकिता खंडेलवाल को दृष्टिबाधित कोटे के तहत सामान्य श्रेणी से चुना गया था। वहीं एक वीडियो शेयर किया जा रहा है जिसमें वह वह बिना चश्मा लगाए अपना ड्राइविंग टेस्ट दे रही हैं।