रानीगंज में हिंसा के बाद तनाव, गृह मंत्रालय ने पश्चिम बंगाल सरकार से रिपोर्ट मांगी

रानीगंज (पश्चिम बंगाल) : रामनवमी के जुलूस को लेकर दो समूहों के बीच हिंसा के बाद इलाके में तनाव व्याप्त है। इलाके में शांति स्थापित रखने के लिए धारा 144 लगा दी गई है और भारी संख्या में रैपिक एक्शन फोर्स और पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है। इस बीच गृह मंत्रालय ने पश्चिम बंगाल सरकार से इस हिंसा पर रिपोर्ट मांगी है। बता दें कि यहां दो समुदायों के बीच हिंसक संघर्ष के दौरान एक व्यक्ति की मौत हो गई थी और दो पुलिस अधिकारी जख्मी हो गए थे।

केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो ने मंगलवार को आरोप लगाए कि रानीगंज में हिंसा का कारण पुलिस द्वारा कार्रवाई नहीं करना है और इलाके में तुरंत केंद्रीय बलों की तैनाती किए जाने की मांग की। सुप्रियो ने कहा कि उन्होंने गृह मंत्री राजनाथ सिंह को फोन किया और उनसे मामले पर गौर करने के लिए कहा। आसनसोल के सांसद ने कोलकाता में संवाददाताओं से कहा, ‘पुलिस द्वारा कार्रवाई नहीं करने से रानीगंज इलाके में हिंसा भड़की।अगर पुलिस ने पहले कदम उठाए होते तो हिंसा को टाला जा सकता था। पुलिस ने अपने राजनीतिक आकाओं के कहने के मुताबिक काम किया और इलाके में गुंडों को पूरी छूट दे दी।’

भाजपा के एक प्रतिनिधिमंडल ने पश्चिम बंगाल के राज्यपाल के एन त्रिपाठी से मुलाकात की और रानीगंज में सोमवार को हुई हिंसा की शिकायत की। सुप्रियो ने कहा कि राज्य सरकार को रानीगंज में केंद्रीय बलों को तैनात करने का काम शुरू करना चाहिए ताकि स्थिति को नियंत्रित किया जा सके क्योंकि स्थानीय लोगों का पुलिस प्रशासन पर विश्वास नहीं है। राज्य के श्रम मंत्री मलॉय घटक सोमवार शाम रानीगंज पहुंचे थे। उन्होंने कहा कि संघर्ष के दौरान महेश मंडल की हत्या कर दी गई। बहरहाल घटक ने स्थानीय लोगों को आश्वासन दिया कि पुलिस ने स्थिति पर नियंत्रण कर लिया है।

पुलिस ने कहा था कि भाजपा द्वारा रामनवमी जुलूस निकालने के बाद इलाके में तनाव पैदा हो गया। आरोप है कि जुलूस में शामिल लोगों ने एक इलाके में घुसने का प्रयास किया जहां बड़ी संख्या में अल्पसंख्यक समुदाय के लोग रहते हैं