RBI ने नहीं की ब्याज दरों में कटौती, बढ़ा सस्ते लोन का इंतजार

नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने अपनी समीक्षा बैठक (मौद्रिक समीक्षा नीति की बैठक) में ब्याज दरों को यथावत रखने का फैसला किया है। आरबीआई ने मुख्य दर यानी रेपो रेट को 6 फीसद पर ही बरकरार रखा है।

इंडस्ट्री समेत सरकार को भी इस बार आरबीआई से ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद थी, हालांकि कुछ बैंकर्स ने यह कहा था कि आरबीआई नीतिगत दरों में बदलाव नहीं करेगा। गौरतलब है कि आरबीआई ने अगस्त महीने में हुई अपनी समीक्षा बैठक के दौरान नीतिगत दरों को 6.25 फीसद से घटाकर 6 फीसद कर दिया था।

आरबीआई गवर्नर उर्जित पटेल की अध्यक्षता में मंगलवार से जारी मौद्रिक समीक्षा नीति की बैठक के लिए बुधवार का दिन बेहद अहम माना जा रहा था। इंडस्ट्री और सरकार को उम्मीद थी कि आरबीआई इस बैठक में नीतिगत दरों में कटौती का फैसला करेगी।

इन दोनों का मानना है कि अप्रैल-जून तिमाही के दौरान जीडीपी ग्रोथ के 5.7 फीसद तक पहुंच जाने (बीते तीन वर्षों का निचला स्तर) के बाद दरों में कटौती का फैसला किया जाना चाहिए, जबकि कुछ विशेषज्ञों का यह भी मानना है कि आरबीआई दरों को यथावत रख सकता है।

वित्त वर्ष 2017-18 की चौथी द्वैमासिक समीक्षा बैठक के फैसले बुधवार दोपहर तक जारी किए जाएंगे। इस समीक्षा बैठक पर कई हितधारकों की पैनी नजर है, विशेषकर इंडस्ट्री की जिसने दरों में कटौती की मांग की है।

बैंकिंग सेक्टर का मानना है कि भारतीय रिजर्व बैंक नीतिगत दरों को उनकी पिछली दरों पर ही बरकरार रख सकता है, क्योंकि महंगाई दर में इजाफा हुआ है। एसबीआई की एक रिपोर्ट के मुताबिक आरबीआई 4 अक्टूबर को अपनी अहम समीक्षा बैठक में नीतिगत दरों को यथावत रखने का फैसला कर सकता है। क्योंकि आरबीआई सुस्त विकास दर, हल्की मुद्रास्फीति और वैश्विक अनिश्चितताओं की पहेली में उलझा हुआ है।

गौरतलब है कि पिछले हफ्ते केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा था कि आरबीआई के पास अगली मौद्रिक नीति समिति की बैठक में नीतिगत दरों में कटौती करने की गुंजाइश है क्योंकि खुदरा मुद्रास्फीति का लगातार कम होना जारी है। आपको बता दें कि अगस्त में हुई बैठक के दौरान रेपो रेट में 25 बेसिस प्वाइंट की कटौती की गई थी और उसके साथ रेपो रेट 6 फीसद पर आ गई थी।