राजेश खन्ना की वजह से फिल्मों में आए थे टॉम आल्टर, इसलिए खुद को मानते थे देसी

पद्मश्री अवॉर्ड से सम्मानित एक्टर टॉम आल्टर का 67 साल की उम्र में मुंबई में निधन हो गया। इंडियन ऑडियंस के जेहन में उनकी पहचान एक ऐसे अभिनेता के तौर पर की जाती रही है जो फिल्मों में ‘अंग्रेज’ का किरदार निभाता था। टॉम को भले ही कई लोग उनके नाम से नही जानते हों, लेकिन वो अंग्रेज एक्टर कहते ही सभी के जेहन में एक ही चेहरा उभरता है और वो है टॉम आल्टर का।
राजेश खन्ना ही बनना चाहते थे टॉम…
22 जून, 1950 को उत्तराखंड के मसूरी में जन्में टॉम आल्टर 18 की उम्र में अमेरिका के येल यूनिवर्सिटी पढ़ने चले गये लेकिन वहां उनका मन नहीं लगा और वह बीच में ही वापस आ गये। इसके बाद उन्होंने कई नौकरियां कीं। इसी दौरान वह हरियाणा के जगधरी में करीब छह महीने रहे, जहां वह सेंट थॉमस स्कूल में टीचर थे। साल 1969 में रिलीज हुई सुपरस्टार राजेश खन्ना की फिल्म ‘आराधना’ ने टॉम को इतना इंस्पायर किया कि उसी हफ्ते उन्होंने इस फिल्म को तीन बार देख डाला। अगले दो साल तक उनके जेहन में राजेश खन्ना और शर्मिला टैगोर ही रहे और अब वो बस राजेश खन्ना ही बनना चाहते थे।
बतौर एक्टर बनने का सपना लिये टॉम आल्टर ने पुणे के भारतीय फिल्म एवं टेलीविजन संस्थान (एफटीआईआई) में एंट्री की। टॉम ने 1974 में एफटीआईआई से ग्रेजुएशन के दौरान गोल्ड मेडल हासिल किया था। एफटीआईआई में रहते हुए टॉम ने नसीरउद्दीन शाह और बेंजामिन गिलानी के साथ एक कंपनी ‘मोटली’ स्थापित की और रंगमंच पर कदम रखा। रंगमंच पर उनके एकल नाटकों के लिए उन्हें विशेष ख्याति मिली, जिसमें मशहूर शायर मिर्जा गालिब पर इसी नाम के प्ले और मौलाना अबुल कलाम आजाद पर बेस्ड प्ले ‘मौलाना’ में निभाए उनके एकल अभिनय को हमेशा याद रखा जाएगा।
मिला अंग्रेज लुक का फायदा…
आमतौर पर देखा जाता है कि फिरंगी लुक की वजह से कई एक्टर्स को फिल्मों में काम नहीं मिलता, लेकिन इसके ठीक उलट टॉम को अंग्रेजों जैसा लुक होने का फायदा ही मिला और फिल्मों में शुरुआत करने में खास परेशानी नहीं हुई। आज के दौर में टॉम की वह बात सबसे यादगार है, ‘मैं कोई गोरा नहीं, बल्कि एक देसी आदमी हूं और मुझे भारत में धर्मनिरपेक्षता यहां की सबसे अच्छी बात लगती है।’ टॉम इसी साल रिलीज हुई फिल्म ‘सरगोशियां’ में नजर आये थे। उन्होंने तीन किताबें भी लिखी हैं।
सचिन का पहला इंटरव्यू…
1980 से 1990 के दौरान टॉम एक स्पोर्ट्स जर्नलिस्ट भी रहे हैं। वह टीवी पर सचिन तेंदुलकर का वीडियो इंटरव्यू लेने वाले वह पहले शख्स थे। साल 2008 में उन्हें कला और सिनेमा के क्षेत्र में योगदान के लिए पद्मश्री अवॉर्ड भी दिया गया था। साल 1977 में उन्होंने कैरोल इवान्स से शादी की। उनका एक बेटा जैमी और एक बेटी अफशां हैं।
300 से ज्यादा फिल्मों में किया काम…
टॉम आल्टर ने बॉलीवुड में अपने करियर की शुरूआत साल 1976 में रिलीज हुई फिल्म चरस से की थी। फिल्म चरस के बाद उन्होंने शतरंज के खिलाड़ी, देश-परदेश, क्रांति, गांधी, राम तेरी गंगा मैली, कर्मा, सलीम लंगड़े पे मत रो, परिंदा, आशिकी, जुनून, परिंदा, वीर-जारा, मंगल पांडे समेत 300 से अधिक फिल्मों में अपने अभिनय का जौहर दिखाया। टॉम ने अपने करियर के दौरान सत्यजीत रे से लेकर श्याम बेनेगल तक भारतीय फिल्म जगत के लगभग सभी चोटी के निदेर्शकों के साथ काम किया।