भाजपा नेता को पहले दी धमकी फिर पीटा उसके बाद की अंधाधुंध फायरिंग, ये थी वजह
ग्वालियर। प्रदेश के भाजपा नेता को पहले तो गुंड़ों ने धमकी दी। नहीं माना तो उसे घेरकर पीटा भी। जब इतने से भी गुंडों का दिल नहीं भरा तो हमलावरों ने भाजपा नेता पर ताबड़तोड़ गोलियां बरसाना शुरू कर दी। इस सबके पीछे की वजह एक बैठक में शामिल होना बताया है।
प्रदेश किसान मोर्चा समिति के सदस्य को रंगबाजों ने धमकी दी रविवार को जाट समाज की बैठक में शामिल मत होना वरना जिंदा नहीं छोड़ेंगे। भाजपा नेता धमकी को अनसुना कर दिया तो उन्हें करीब 15-20 लोगों ने मोहनपुर हाइवे पर घेरकर हमला कर दिया। कार से खींचकर लाठियों से पीटा, उन्हें बचाने गांव वाले आए तो गुंडों ने तबाड़तोड़ गोलियां चलाईं।
भाजपा नेता की परेशानी तब और बढ़ गई जब जान बचाकर थाने पहुंचने पर पुलिस ने रंगबाजों के खिलाफ हत्या के प्रयास का केस दर्ज करने से साफ मना कर दिया, तो घायल और उनके समर्थक थाना घेरकर इस जिद पर बैठ गए कि एफआईआर तब ही दर्ज कराएंगे जब पुलिस हमलावरों पर हत्या के प्रयास का केस दर्ज करेगी।
सुरेन्द्र सिंह राणा निवासी बिलारा ने बताया रविवार को भदावना (उटीला) में जाट महासभा की बैठक थी। इसमें शामिल होने के लिए सुबह करीब 11 बजे थाटीपुर स्थित निवास से निकले थे। रास्ते में रंजीत सिंह निवासी वीरमपुरा और उसके बेटे दुष्यंत ने फोन कर कहा इस बैठक में शामिल होना तुम्हारे लिए ठीक नहीं है। चैन से रहना चाहते हो तो रास्ते से लौट जाआे। लेकिन धमकाने वालों की बातों को उन्होंने तवज्जो नहीं दी। दोपहर को बैठक में शामिल हुए।
शाम को मीटिंग खत्म होने पर वहां से घर के लिए लौटे। मोहनपुर पुल के पास रंजीत, ने कल्लू, यतेन्द्र, दारासिंह सहित करीब 20 लोगों के साथ उन्हें ओवरटेक कर उनकी कार रोकी। बाहर खींचकर लाठियों से पीटा। हाइवे पर हंगामा देखकर गांव वाले बचाने आए तो गुंडों ने गोलियां चलाईं। किसी तरह गांव वालों ने उन्हें बचाया। मुरार थाने आकर घटना बताइ्र्र तो पुलिस यह मानने को तैयार नहीं है कि रंजीत और उसके गुर्गों ने जान लेने की कोशिश की है। पुलिस का कहना है सुरेन्द्र सिंह की शिकायत पर बलवा और फायरिंग का केस दर्ज होगा। लेकिन सुरेन्द्र की जिद है 307 की धारा दर्ज हो।