सालों से ब्रिज बनाने की उठ रही थी मांग, पर रेलवे ने सिर्फ बदला ‘एलफिंस्‍टन’ का नाम

नई दिल्‍ली: देश में जल्‍द ही बुलेट ट्रेन लाने की बात हो रही है, लेकिन लगतार होते रेल हादसे भारत में रेल व्‍यवस्‍था, उसके खस्‍ताहाल स्‍ट्रक्‍चर की बानगी दे रहे हैं. शुक्रवार को मुंबई के एलफिंस्टन स्टेशन के फुट ओवर ब्रिज पर ज्यादा भीड़ की वजह से भगदड़ मच गई. एलफिंस्‍टन स्‍टेशन, वेस्‍टर्न रेलवे का स्टेशन है, जो वर्ली जैसे इलाके को ‘मुंबई की लाइफलाइन’ कही जाने वाली लोकल ट्रेन से जोड़ता है. दो स्‍टेशनों को आपस में जोड़ने वाले इस ब्रिज पर भारी भीड़ के चलते अक्‍सर लोग हादसे का शिकार होते रहे हैं. यही कारण है कि एलफिंस्‍टन पर एक और ब्रिज बनाए जाने की मांग लंबे समय से आती रही है. लेकिन रेलवे ने यहां इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर के नाम पर उठी इन मांगों के लिए सबसे बड़ा कदम सिर्फ यही उठाया कि हाल ही में इस स्‍टेशन का नाम बदल दिया.

शुक्रवार सुबह मची इस भगदड़ में आधिकारिक तौर पर 22 लोगों की मौत की खबर है, जबकि केईएम अस्पताल के केजुअल्‍टी से मिले आंकड़ों की मानें तो अभी तक 22 शव अस्‍पताल पहुंच चुके हैं और घायलों को लगतार अस्‍पताल लाया जा रहा है. बता दें कि एलफिंस्‍टन स्‍टेशन, वेस्‍टर्न रेलवे का स्‍टेशन है, जिसका हाल ही में नाम बदल कर ‘प्रभादेवी’ स्‍टेशन किया गया है. इस स्‍टेशन को एलफिंस्‍टन ब्रिज, परेल स्‍टेशन से जोड़ता है.

दरअसल एलफिंस्‍टन और परेल स्‍टेशन के बीच ‘एलफिंस्‍टन ब्रिज’ एक कनेटिंग ब्रिज है, जो वेस्‍टर्न और सेंट्रल रेलवे के इन दो स्‍टेशनों को आपस में जोड़ता है. एलफिंस्‍टन स्‍टेशन, वर्ली, प्रभादेवी जैसी इलाको को लोकल ट्रेन की कनेक्टिविटी देता है. इस इलाके में इंडिया बुल्‍स रीयल इस्‍टेट, हाउजिंग फाइनेंस लिमिटेड, जैसे कई प्राइवेट और सरकारी दफ्तर इस इलाके में हैं, जिसके लिए लोग इसी स्‍टेशन का इस्‍तेमाल करते हैं. ऐसे में पीक आवर्स में लोगों को अक्‍सर भीड़ का सामना करना पड़ता है. बता दें कि इसी साल, 5 जुलाई को वेस्‍टर्न रेलवे ने एक नोटिफिकेशन जारी कर अपने इस अंग्रेजों के जमाने के स्‍टेशन का नाम बदल कर ‘प्रभादेवी’ किया है.

इस स्‍टेशन का नाम, बॉम्‍बे प्रेसिडेंसी के गर्वनर लॉर्ड एलफिंस्‍टन के नाम पर रखा गया था. लॉर्ड एलफिंस्‍टन, सन 1853 से 1860 तक यहां के गर्वनर रहे थे. शिव सेना ने सबसे पहले इस स्‍टेशन के नाम बदलने की मांग उठायी थी कि मुंबई उपनगर के कुछ स्‍टेशनों के नाम आज अंग्रेजों के समय के नामों को ढो रहे हैं. बता दें कि पिछले साल दिसंबर में महाराष्‍ट्र विधानसभा ने ‘एलफिंस्‍टन रोड स्‍टेशन’ और ‘छत्रपति शिवाजी टर्मिनस’ और मुंबई एयपोर्ट का नाम बदलने के प्रस्‍ताव को मंजूरी दी थी.