कांचीपुरम मठ में शंकराचार्य जयेंद्र सरस्वती को दी जाएगी समाधि, धार्मिक संस्कार शुरू
कांचीपुरम: कांची कामकोटि पीठ के शंकराचार्य श्री जयेंद्र सरस्वती को आज यहां मठ परिसर में उनके पूर्ववर्ती श्री चंद्रशेखरेंद्र सरस्वती के समाधि स्थल के बगल में समाधि दी जाएगी। धार्मिक संस्कार सुबह सात बजे अभिषेकम के साथ शुरू हो गया। अभिषेकम के बाद आरती होगी। देशभर से वैदिक पंडित सभी चार वेदों से मंत्रों का उच्चारण करेंगे और एक विशेष पूजन भी किया जाएगा। बाद में शंकराचार्य जयेंद्र सरस्वती के पार्थिव शरीर को मुख्य हॉल से निकालकर वृंदावन एनेक्सी ले जाया जाएगा जहां श्री चंद्रशेखरेंद्र सरस्वती को समाधि दी गई थी। बेंत की एक बड़ी टोकरी में शंकराचार्य जयेंद्र सरस्वती के पार्थिव शरीर को बैठी हुई मुद्रा में डालकर सात फुट लंबे और सात फुट चौड़े गड्ढे में नीचे उतारा जाएगा।
समाधि देने से जुड़ी व्यवस्था से जुड़े मठ के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने बताया, ‘‘समाधि देने के लिए गड्ढा तैयार है और पार्थिव शरीर को उसमें नीचे उतारकर उसके ऊपर शालिग्राम रखा जाएगा।’’ गड्ढे को जड़ी बूटी, नमक और चंदन की लकड़ी से भर दिया जाएगा। बाद में कबालमोक्षम किया जाएगा जिसमें सिर पर नारियल रखकर उसे प्रतिकात्मक रूप से तोड़ा जाता है। समाधि संस्कार पूर्वाह्न ग्यारह बजे पूरा होगा। यहां मठ परिसर के आसपास सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। उनके अंतिम समाधि में तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ई. पलानीस्वामी,केंद्रीय मंत्री सदानंद गौड़ा समेत दक्षिण की कई बड़ी हस्तियां शामिल हो रही हैं। इससे पहले बुधवार को तमिलनाडु के उप-मुख्यमंत्री ओ पनीरसेल्वम, राज्य के शिक्षा मंत्री के ए सेंगोतैयां एवं अन्य वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों समेत करीब एक लाख से अधिक लोगों ने उनके अंतिम दर्शन किए। बता दें कि बुधवार सुबह जयेंद्र सरस्वती ने अंतिम सांस ली।