केन-बेतवा विवाद पर शिवराज और योगी की मुलाकात आज, निकल सकता है समाधान

भोपाल। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ की सोमवार को दिल्ली में मुलाकात होगी। केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी की मौजूदगी में होने वाली इस मुलाकात के दौरान केन-बेतवा प्रोजेक्ट के विवाद का हल निकलने की संभावना है। मालूम हो इस प्रोजेक्ट को लेकर मध्यप्रदेश और उत्तर प्रदेश में लम्बे समय से विवाद है।
मध्यप्रदेश और उत्तर प्रदेश का यह विवाद नया नहीं है। वर्ष 2005 में हुए एमओयू के बाद से दोनों राज्यों के बीच कई दौर की चर्चा हुई, लेकिन कोई ठोस निष्कर्ष नहीं निकल सका। मध्यप्रदेश सरकार की आपत्ति यह है की इस एमओयू से मध्यप्रदेश को पर्यावरण से लेकर पानी का नुकसान है। मध्यप्रदेश को उत्तर प्रदेश की तुलना में कम पानी मिलेगा।
वहीं मध्यप्रदेश की बात यह कहकर नहीं मानी गई की इतने लम्बे समय बाद प्रोजेक्ट पर आपत्ति क्यों उठाई जा रही है।
मालूम हो की पन्ना जिले में केन-बेतवा नदी के संगम पर बनाए जा रहे दूधन डेम से दोनों राज्यों को सिंचाई और पीने का पानी मिलेगा। इस डेम के बनने से पन्ना टाइगर रिजर्व का कुछ हिस्सा डूब रहा है। यहां से करीब 12 गांवों को शिफ्ट भी किया जाना है।
12 साल पहले हुआ था एमओयू :
इस परियोजना में पानी बंटवारे को लेकr 12 साल पहले मध्यप्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर और उत्तर प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव ने एमओयू पर हस्ताक्षर कीए थे। इसमें 1700 एमसीएम मिलियन क्यूबिक पानी उत्तर प्रदेश और 1405 एमसीएम मध्यप्रदेश को देने का जिक्र है।
भारतीय जनता पार्टी 25 सितंबर को पार्टी की विस्तारित कार्यकारिणी में अगले लोकसभा चुनाव की रणनीति तैयार करेगी। साल 2019 के लोकसभा चुनाव में अभी दो साल बचे हैं, लेकिन बीजेपी अभी से जीत की रणनीति पर काम कर रही है है। लिहाजा सभी सांसदों, सभी विधायकों और प्रदेश इकाइयों के अध्यक्षों समेत 2000 नेताओं को इसमें शामिल होने के लिये बुलाया गया है।
मध्य प्रदेश को महत्वपूर्ण जिम्मेदारी :
राष्ट्रीय कार्यसमिति बैठक में मध्य प्रदेश के प्रभारी विनय सहस्त्रबुद्धे को महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी गई है। इस बैठक में कई राजनीतिक प्रस्ताव पेश किए जाएंगे जिसमें जीएसटी नोटबंदी महंगाई रोहिंग्या मुसलमानों के मुद्दे भी हैं। यह सभी प्रस्ताव तैयार करने की जिम्मेदारी अमित शाह ने विनय सहस्त्रबुद्धे और राम माधव को दी है
इसके अलावा बैठक से संबंधित सभी समन्वयक के कार्य राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय को सौंपे गए हैं।
बैठक में पार्टी के सभी 281 लोकसभा सदस्य, राज्यसभा के 57 सदस्य, 1400 विधायक और विधान पार्षद, कोर ग्रुप के सदस्य और प्रदेश इकाइयों के अध्यक्ष व महामंत्री शामिल होंगे। राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में आमतौर पर स्थायी और विशेष आमंत्रित सदस्यों समेत 200 से कम सदस्य हिस्सा लेते हैं। इस बार इसमें हिस्सा लेने वालों की संख्या 2000 के आसपास होगी ।