बिलासपुर में 49.3 डिग्री का रिकॉर्ड सही, आज भी होगी पड़ताल
बिलासपुर में सोमवार को दर्ज हुए 49.3 डिग्री तापमान से प्रदेश के साथ देशभर में मचे हड़कंप को देखते हुए बुधवार को रायपुर के मौसम वैज्ञानिक थर्मामीटर की जांच के लिए पहुंचे। वे मौसम केंद्र में अधिकतम तापमान दर्ज करने वाले नए और पुराने थर्मामीटर से हर घंटे के आंकड़े लेकर उनकी जांच करते रहे।
फिर दोनों में दर्ज हुए लगभग एक बराबर अधिकतम तापमान के आधार पर पुराने थर्मामीटर की रीडिंग को सही बताया। अब रिपोर्ट तैयार कर इसे उच्चाधिकारियों को सौंपा जाएगा। वे जांच के बाद इसकी आधिकारिक पुष्टि करेंगे।
अधिकतम तापमान 49.3 डिग्री की सत्यता जानने के लिए सुबह 9 बजे रायपुर मौसम विज्ञान केंद्र के मौसम वैज्ञानिक एचपी चंद्रा बहतराई स्थित मौसम विज्ञान केंद्र पहुंचे। उन्होंने अपने साथ लेकर आए नए अधिकतम थर्मामीटर को पुराने थर्मामीटर के साथ लगाया।
इसके बाद प्रत्येक घंटे तापमान दर्ज करने का सिलसिला शुरू किया गया, ताकि यह पता चल सके कि पुराना अधिकतम थर्मामीटर सही ढंग से काम कर रहा है या नही। सुबह 9.30 बजे तापमान दर्ज करना शुरू किया।
इस समय पुराने थर्मामीटर में 40.7 डिग्री और नए थर्मामीटर में 40.8 डिग्री अधिकतम तापमान दर्ज किया गया। सुबह 10.30 बजे पुराने में 41.8 डिग्री व नए में 42.00 डिग्री, सुबह 11.30 बजे पुराने में 42.8 डिग्री, नए में 43.00 डिग्री, दोपहर 12.30 बजे पुराने में 43.00 डिग्री, नए में 43.2 डिग्री, दोपहर 1.30 बजे पुराने में 45.00 डिग्री, नए में 45.2 डिग्री, दोपहर 2.30 बजे दोनो में 45.5 डिग्री, शाम 3.30 बजे दोनो में 45.5 अधिकतम तापमान दर्ज किया, जो दिन का सबसे गर्म समय रहा।
इसके बाद शाम 4.30 बजे पुराने में 44.1 व नए में 44.3 डिग्री अधिकतम तापमान दर्ज किया गया। यह आंकड़े प्राप्त करने के बाद जांच के लिए पहुंचे मौसम वैज्ञानिक श्री चंद्रा ने बताया कि दिनभर में दोनों अधिकतम थर्मामीटर से मिले तापमान से इस बात की पुष्टि होती है कि पुराना थर्मामीटर सही ढंग से काम कर रहा है। दोनो थर्मामीटर मानक मापदंड के अनुरूप में लगभग सही तापमान बता रहे हैं।
इससे यह तो साफ है कि 22 मई को अधिकतम तापमान के रूप में दर्ज किया गया 49.3 डिग्री तापमान सही है। इसके बाद भी यह आंकड़े लेने के निर्देश उन्हें उच्च अधिकारियों के ओर से दिए गए हैं। यह रिपोर्ट रायपुर से लेकर दिल्ली मौसम विज्ञान केंद्र में भेजा जाएगा। इसकी जांच करने के बाद 49.3 डिग्री तक तापमान पहुंचने की आधिकारिक रूप से पुष्टि की जाएगी।
कई बार लोकल सिस्टम या आसपास लगी आग से भी किसी क्षेत्र का तापमान बढ़ जाता है। इस मामले में मौसम वैज्ञानिक श्री चंद्रा ने कहा कि इससे यह भी अंदाजा लगाया जा रहा है कि इसकी वजह से अचानक अधिकतम थर्मामीटर ने बढ़ा हुआ तापमान दर्ज कर लिया होगा। क्षेत्र में 22 मई को इस तरह की घटनाएं होने की भी जानकारी ली जाएगी। यदि ऐसा कुछ हुआ होगा तो इसकी भी पूरी जांच की जाएगी। क्योंकि ऐसे कारक के संपर्क में आने से थर्मामीटर आसपास की गर्मी के अनुसार भी बढ़ा हुआ तापमान दर्ज कर सकता है।
मौसम वैज्ञानिक श्री चंद्रा ने यह भी जानकारी दी कि दर्ज तापमान से पूरे देश में हड़कंप मच गया है। दिल्ली मौसम केंद्र ने इससे संबंधित जानकारी मांगी है। आईएमडी वेबसाइट में यह तापमान दर्ज करने के बाद डब्ल्यूएमओ (वर्ल्ड मेटोलॉजिकल ऑर्गनाइजेशन) ने भी इसकी रिपोर्ट मांगी है, क्योंकि यदि वास्तव में इस तरह से अचानक तापमान में बढ़ोतरी दर्ज की गई है तो यह विश्व पर्यावरण पर बुरा असर डाल सकता है। एक तरह से यह जांच का विषय बना हुआ है।
मौसम वैज्ञानिकों ने यह भी साफ किया कि अधिकतम थर्मामीटर विश्व के मापदंड के अनुसार बना हुआ है। पूरी दुनिया में इसी थर्मामीटर का उपयोग होता है। देश में इस थर्मामीटर की सप्लाई पुणे से की जाती है। कंपनी थर्मामीटर का निर्माण करने के बाद इसकी बारिकी से जांच करते हैं। जांच के दौरान दो थर्मामीटर में दशमलव दो से ढाई तक के अंतर को सामान्य माना जाता है। लेकिन यह अंतर दशमलव तीन से ज्यादा अंतर दिखाता है तो थर्मामीटर को रिजेक्ट कर दिया जाता है। इसी तरीके से यहां भी जांच की गई है। लेकिन अंतर दशमलव दो के भीतर ही रहा।
गुरुवार को भी प्रत्येक घंटे मॉनिटरिंग की जाएगी। इसके बाद मिले तापमान को भेजा जाएगा। इसके बाद निष्कर्ष निकालकर 49.3 डिग्री अधिकतम तापमान सही है या गलत इसकी जानकारी दी जाएगी।