पर्यटन नीति में सौ करोड़ से अधिक के निवेश पर 90 वर्ष के लिए जमीन, 90 करोड़ अनुदान

भोपाल। कैबिनेट ने आज मध्यप्रदेश की नई पर्यटन नीति और फिल्म पर्यटन नीतियों को मंजूरी दे दी। पर्यटन नीति के तहत अल्ट्रा मेगा परियोजनाओं में सौ करोड़ से अधिक के निवेश पर 90 वर्ष के लिए कलेक्टर गाइडलाईन पर विभागीय जमीन का आवंटन किया जाएगा साथ ही पर्यटन परियोजनाओं के लिए पंद्रह से तीस प्रतिशत अधिकतम 90 करोड़ रुपए का पूंजी अनुदान भी दिया जाएगा।
पर्यटन नीति के अंतर्गत गोल्फ, कन्वेंशन सेंटर, वेलनेस रिसोर्ट, क्रूज, अंर्तप्रदेशीय वायु सेवा, हेरिटेज होटल, रोप-वे, म्यूजियम, लाइट एंड साउंड शो आदि के निर्माण को प्रोत्साहन दिया जायेगा। इलेक्ट्रिक कूज को प्रोत्साहित करने के लिए 5% का अतिरिक्त अनुदान दिया जायेगा। दुर्गम दूरस्थ नवीन क्षेत्रों में पर्यटन परियोजनाओं की स्थापना पर 5% का अतिरिक्त अनुदान प्रदान किया जायेगा। मध्य प्रदेश पर्यटन बोर्ड में निवेश प्रोत्साहन सेल की स्थापना की गई है। पारदर्शी प्रक्रिया के माध्यम से निजी निवेशकों को लैंड पार्सल मार्ग सुविधा केन्द्रों और हेरिटेज संपतियों का आवंटन किया जायेगा। वाइल्ड लाइफ रिसॉर्टस के लिए विशेष अनुदान दिया जायेगा।
निवेशक, पर्यटन परियोजनाओं की स्थापना के लिये विभिन्न विभागों से अनुमतियाँ/अनापत्ति लोक सेवा गारंटी के तहत लाते हुए समयसीमा में सिंगल विंडो सिस्टम से प्रदान की जाएंगी। गोल्फ टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप मॉडल अंतर्गत निजी निवेश को अनुबंध पर दिया जायेगा। निजी निवेशकों को गोल्फ टूरिज्म की स्थापना के लिए विभागीय भूमि में से अधिकतम 10 प्रतिशत भूमि का सब-लीज पर व्यवसायिक उपयोग करने की अनुमति दी जा सकेगी। आवंटित मार्ग सुविधा केन्द्र को कम हुई भूमि के बदले समतुल्य मूल्य की भूमि उपलब्ध करायी जा सकेगा। नर्मदाघाटी विकास प्राधिकरण, जल संसाधन विभाग, लोक निर्माण विभाग के रेस्ट हाऊस, गेस्ट हाऊस, डॉक बंगला, सर्किट हाऊस आदि को पर्यटन परियोजना की स्थापना के लिए निजी निवेशकों को लीज पर दिया जायेगा। स्टार्टअप उद्यमियों को निविदाओं में भाग लेने का अवसर प्राप्त होगा ।
फिल्म पर्यटन नीति में अंतरराष्ट्रीय फिल्म निर्माण के लिए दस करोड़ तक अनुदान–
मध्यप्रदेश फिल्म पर्यटन नीति अंतर्गत फिल्म शूटिंग अनुमतियां सिंगल विण्डो में समयसीमा में मिलेंगी। स्थानीय और जनजातीय भाषाओं को बढ़ावा देने के लिए मालवी, बुंदेलखंडी, बघेलखंडी, निमाडी, गोंडी, भीली, कोरकू जैसी स्थानीय भाषाओं पर आधारित फिल्मों के लिए, बच्चों के विषयों पर आधारित फिल्मों ,महिला केंद्रित फिल्मों, क्षेत्रीय भाषाओं को प्रोत्साहन देने के लिए मराठी, बंगाली, आदि क्षेत्रीय भाषाओं मे फिल्म निर्माण पर 10% अतिरिक्त अनुदान प्रदान किया जायेगा। इसके साथ ही ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और धार्मिक व्यक्तित्वों पर आधारित फिल्मों के लिए अतिरिक्त अनुदान, शॉर्ट फिल्मों के लिए वित्तीय सहायता, नवीन एकल सिनेमाघरों के निर्माण और मौजूदा सिनेमाघरों के उन्नयन के लिए विशेष अनुदान प्रावधान और राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त डॉक्यूमेंट्री फिल्मों के लिए अनुदान प्रदान किया जायेगा।
फीचर फिल्म के लिए 2 करोड़ रुपए तक, वेब सीरीज के लिए 1 करोड़ 50 लाख रुपए तक, टीवी शो/सीरियल्स के लिए 1 करोड़ रुपए तक, डॉक्युमेंट्री के लिए 40 लाख रुपए तक, अंतर्राष्ट्रीय फिल्म के लिए अनुदान अधिकतम 10 करोड़ रुपए तक और शॉर्ट फिल्मों के लिए अधिकतम अनुदान 15 लाख रुपये तक प्रदान किया जायेगा। वित्तीय अनुदान तब दिया जायेगा जब कुल शूटिंग दिवसों में 75% शूटिंग दिवस मध्य प्रदेश में किया गया हो।
पंप हाइड्रो स्टोरेज और सिटी गैस डिस्ट्रीब्यूशन पॉलिसी को मंजूरी-मध्यप्रदेश में पंप हाइड्रो स्टोरेज नीति को मंजूरी दी गई है। इसमें सोलर से दिन में और टंकियों में रखे पानी के जरिए रात में हाइड्रल बिजली बनाई जा सकेगी। मध्यप्रदेश में सिटी गैस डिस्ट्रीब्यूशन पॉलिसी को भी मंजूरी दी गई है जिसके जरिए घरों के सामने गैस पाइपलाइन बिछाते हुए गैस वितरण सुनिश्चित किया जाएगा।