7 दिन लिव-इन में रहने के बाद बुजुर्ग जोड़े ने की शादी

जशपुरनगर। पहाड़ी कोरवा जनजाति के 75 वर्षीय रतिया राम और 70 वर्षीय जीमना बरी का विवाह धूमधाम से बगीचा ब्लॉक मुख्यालय के ग्राम बगडोल सत्संग भवन में संपन्न हुआ। जिला पंचायत उपाध्यक्ष प्रबल प्रताप सिंह जूदेव, जनपद अध्यक्ष प्रदीप नरायण सिंह सहित बड़ी संख्या में जनप्रतिनिधि व सैकड़ो ग्रामीण विवाह में शामिल हुए । बड़ी संख्या में ग्रामीण उपहार लेकर भी विवाह में पहुंचे। वैदिक रीति रिवाज के साथ ब्राम्हणों ने कराई शादी।

गौरतलब है कि दोनों बुजुर्ग बीते एक सप्ताह से साथ रह रहे हैं। 16 अगस्त को बगडोल के सत्संग भवन में धूमधाम से शादी होगी। बगीचा विकासखंड के ग्राम पंचायत बगडोल के आश्रित ग्राम झगरपुर निवासी रतियाराम की पत्नी का 20 साल पहले निधन हो गया था।

उनकी दो बेटी थी, जिनकी शादी हो गई है और वह दूसरे गांव में रहते हैं। पत्नी की मौत के बाद रतिया अकेले रहता था। एक माह पहले वह बेटी के ग्राम झिक्की पहुंचा, जहां उसकी मुलाकात जिमनीबरी बाई (70) से हुई। वह भी अकेली है, उसके पति की भी 20 साल पहले मौत हो गई थी और वह ग्राम झिक्की में रिश्तेदार के यहां रह रही थी। मुलाकात के बाद दोनों ने एक दूसरे का अकेलापन दूर करने का निर्णय लिया।

दोनों ही बुजुर्गों का जीवन वृद्धा पेंशन के भरोसे चल रहा है। एक माह की दोस्ती प्रेम में बदल गई, जिसके बाद एक सप्ताह पहले रतिया राम ने जिमनीबरी को विवाह का प्रस्ताव दिया, जिसे उसने स्वीकार कर लिया।

एक सप्ताह पहले दोनों ने शेष जीवन साथ-साथ बिताने का निर्णय लिया। जिसके बाद ग्राम झिक्की से दोनों बगडोल झगरपुर में रहने लगे। बुधवार को दोनों ने सरपंच ललित नागेश से मुलाकात की और विवाह के लिए मदद मांगी।

16 अगस्त को दोनों का विवाह धूमधाम से कराए जाने का वादा किया। जिसके बाद पूरे पंचायत के लोग इस बुजुर्ग जोड़े का धूमधाम से विवाह कराने में जुट गए। गांव में हर तरफ इस जोड़े के प्रेम की चर्चा है।

जिमनीबरी रतियाराम से 5 साल छोटी है, लेकिन शारीरिक दृष्टिकोण से अधिक स्वस्थ्य है। रतियाराम ने कहा कि बेटियों के विवाह के बाद वह 20 सालों से अके ला जीवन गुजार रहा है। उन्होंने बताया कि जिमनाबरी के एक भी दांत नहीं हैं लेकिन वह उसकी खुशी के लिए मजदूरी करने जाएगा और खेती बाड़ी करके बचे जीवन में अधिक से अधिक खुशी देने का प्रयास करेगा।

वहीं दुल्हन के जोड़े में एक बार फिर सजने की बात पर जिमनीबरी शरमा जाती है और कहती है कि जीवन के इस मोड़ में उसे साथ मिला है, जिससे वह उत्साहित है और होने वाले पति के लिए वह हर कुछ करने को तैयार है।

एक दूसरे का दर्द जान हो गया प्यार

लगभग 20 सालों से एकांकी जीवन जी रहे इस बुजुर्ग जोड़े को तब एक दूसरे से प्यार हो गया, जब दोनों ने मिलते-जुलती यादें एक दूसरे से साझा की। रतिया राम ने बताया कि दो बेटियां हैं जिन्होंने अपनी दुनिया बसा ली है और अब वह उनकी दुनिया में किसी प्रकार की समस्या नहीं बनना चाहते।

उन्होंने बताया कि जिमनाबरी की कोई संतान नहीं हैं और असमय पति की मौत हो गई। जिसके बाद कोई सहारा नहीं था। न ही कोई संपत्ति थी और न ही जीने का मकसद। जब दोनों ने एक दूसरे को कहानी बताई तो दोनों गहरे दोस्त बन गए।

यह सिलसिला एक माह तक चला और रिश्ता प्यार में बदल गया। सामाजिक प्रतिक्रिया का भी विचार दोनों को आया। लेकिन जिमनाबरी ने रतिया को हौसला दिलाया कि अब समाज का सामना हम दोनों मिलकर करेंगे। जिसके बाद रतिया का हौसला बढ़ गया।

एक सप्ताह से दोनों एक ही घर में रह रहे थे, जिसके बाद चिंतन कर बुधवार को दोनों बगडोल पंचायत सरपंच ललित नागेश के पास पहुंचे और अपना निर्णय बताते हुए मदद मांगी। जिसके बाद सरपंच ने उनका हरसंभव मदद दिलाने का वादा किया।