14 साल की बेटी से पिता की दरिंदगी, 6 महीने का गर्भ लिए थाने पहुंची

इंदौर। आजाद नगर थाना क्षेत्र में एक कलियुगी पिता अपनी 14 वर्ष की बेटी से लगातार दुष्कर्म करता रहा। उसकी करतूत तब पता चली जब चार दिन पहले पेट दर्द होने पर मां उसे अस्पताल ले गई। वहां उसे 6 माह का गर्भ होना बताया। पुलिस ने आरोपित के खिलाफ धारा-376 और लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 (पॉक्सो) के तहत केस दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया।
घटना मूसाखेड़ी क्षेत्र की है। पीड़िता किशोरी की मां शुक्रवार रात उसे लेकर थाने पहुंची। शनिवार को उसके कोर्ट में बयान हुए। फिलहाल उसे बाल कल्याण समिति के आदेश पर आश्रयगृह में रखा गया है। अस्पताल में चेकअप के दौरान डॉक्टर ने पूछताछ की तो किशोरी ने पिता द्वारा गलत काम करने की बात स्वीकार की। फिर यही बात उसने मां को भी बताई। सोमवार को चाइल्ड हेल्पलाइन में विस्तार से काउंसलिंग की जाएगी।
बीपी लो हो जाता, इसलिए नहीं बताया
मामले में मां की लापरवाही सामने आने पर डॉक्टरों ने उसे पर फटकार लगाई। छह माह के दौरान किशोरी में शारीरिक बदलाव हुए, फिर भी मां उसकी परेशानी समझ नहीं पाई। किशोरी ने बताया घर में दो भाई भी हैं। मां नौकरी करती है। वह मां और पिता के साथ ही सोती थी, लेकिन मां को नींद लगने पर पिता गंदा काम करते थे। मां ने किशोरी से सवाल-जवाब किए तो वह रोने लगी। उसने कहा, आपका ब्लड प्रेशर लो हो जाता, इसलिए नहीं बताया।
जान से मारने की धमकी दी थी
किशोरी का कहना है कि उसने कई बार मां को बताने की हिम्मत भी की, लेकिन पिता रोज कहते थे कि यह बात किसी को बताई तो जान से मार दूंगा। बाल कल्याण समिति की अध्यक्ष माया पांडे के मुताबिक बाल कल्याण समिति काउंसलिंग कर रही है। बच्ची के हित में जो भी निर्णय होगा, वह लेंगे।
बच्चे को जन्म देगी या होगा गर्भपात?
इस मामले में यह भी सवाल खड़ा हो रहा है कि पीड़िता को बच्चे को जन्म देना पड़ेगा या गर्भपात की अनुमति मिलेगी। एमटीपी (मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेगनेंसी) कानून के मुताबिक विशेष परिस्थितियों में 20 हफ्ते तक ही गर्भपात की अनुमति होती है। इसके बाद बच्चे को जन्म देना पड़ता है। गत गुरुवार को ग्वालियर हाई कोर्ट ने दुष्कर्म पीड़िता (नाबालिग) को 7 माह का गर्भ गिराने की अनुमति का ऐतिहासिक फैसला सुनाया था।