सिडनी में IND-AUS के खिलाड़ियों ने बांधी काली पट्टी, जानिए क्यों?

भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच सीरीज का चौथा और निर्णायक टेस्ट गुरुवार को सिडनी क्रिकेट ग्राउंड (SCG) पर शुरू हुआ. मैदान पर दोनों टीमों के खिलाड़ी बाहों पर काली पट्टियां बांधकर उतरे. टीम इंडिया ने मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर के बचपन के कोच रमाकांत आचरेकर के सम्मान में काली पट्टी बांधी. भारतीय क्रिकेट को सचिन जैसा नायाब तोहफा देने वाले कोच आचरेकर का बुधवार को मुंबई में निधन हो गया, वह 87 वर्ष के थे.
आचरेकर अपने करियर में सिर्फ एक प्रथम श्रेणी मैच खेल पाए, लेकिन उन्हें तेंदुलकर के रूप में सर डॉन ब्रैडमैन के बाद अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के सबसे महान बल्लेबाज को खोजने और उन्हें निखारने का श्रेय जाता है. सचिन के अलावा आचरेकर ने विनोद कांबली, प्रवीण आमरे, समीर दिघे और बलविंदर सिंह संधू जैसे बड़े नामों को भी कोचिंग दी. भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने ट्वीट कर बताया कि भारतीय टीम रमाकांत आचरेकर के सम्मान काली पट्टी बांधकर मैदान पर उतरी.
ऑस्ट्रेलियाई टीम के खिलाड़ी भी काली पट्टी बांधकर मैदान पर उतरे. कंगारू खिलाड़ियों ने ऑस्ट्रेलिया के पूर्व टेस्ट क्रिकेटर बिल वॉटसन के सम्मान में ब्लैक आर्मबैंड बांधे. दरअसल, 29 दिसंबर को 87 साल की उम्र में बिल वॉटसन का निधन हो गया था. दाएं हाथ के बल्लेबाज वॉटसन ने फरवरी 1955 में सिडनी क्रिकेट ग्राउंड पर इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट पदार्पण किया. इस मैच में वॉटसन ऑस्ट्रेलिया और न्यू साउथ वेल्स के रिची बेनो, नील हार्वे, एलेन डेविडसन और रे लिंडवाल जैसे दिग्गज खिलाड़ियों के साथ खेले.
वॉटसन 1955 में ऑस्ट्रेलिया की ओर से चार टेस्ट खेले. 1953-54 से 1960-61 के बीच आठ सत्र के प्रथम श्रेणी करियर में वॉटसन ने छह शतक और पांच अर्धशतक की मदद से 1958 रन बनाए.
उधर, ऑस्ट्रेलियाई टीम ने इस मैच के लिए दिग्गज क्रिकेटर स्टीव वॉ के बेटे ऑस्टिन वॉ को इमर्जेंसी फील्डर के तौर पर चुना है. अगर जरूरत पड़ी, तो उन्हें फील्डिंग के लिए बुलाया जाएगा. 19 साल के ऑस्टिन पहली बार टेस्ट में इस भूमिका में उतरेंगे.