पेट्रोल-डीजल पर GST लगता तो क्या वाकई आधे हो जाते दाम ?

आजकल एक मैसेज आजकल खूब वायरल हो रहा है, जिसमें लिखा हुआ है कि अगर पेट्रोल-डीजल पर भी सरकार GST लगाती तो इनके दाम आधे से भी कम हो जाते। तो जानिए क्या है इसकी सच्चाई…

पेट्रोलियम पदार्थों पर जीएसटी प्रभावी न कर सरकार ने केंद्र और राज्यों ने अपना खजाना भरने का रास्ता खुला रखा। पेट्रोलियम पदार्थों पर GST लागू करने का विरोध राज्य सरकारों ने किया। वो नहीँ चाहते थे कि इस दुधारू गाय को जीएसटी के तहत लाया जाय।क्योंकि इससे राज्यों का राजस्व बहुत कम हो जाता। केंद्रीय वित्त मंत्री ने बताया कि वह पेट्रोलियम पदार्थों को GST के तहत लाने के पक्ष में हैं।पर राज्यों के विरोध के चलते ऐसा नहीँ किया जा सका।

पेट्रोल के प्रति लीटर अंतरराष्ट्रीय बाजार में मौजूदा दाम देश में आयात के बाद लगभग 28 रुपये हैं। ऑयल कंपनी लगभग तीन रुपये प्रति लीटर पेट्रोल की ऑपरेशनल और मार्केटिंग खर्च पर व्यय करती है।

सेंट्रल एक्साइज ड्यूटी, चुंगी, डीलर कमीशन, ट्रांसपोर्ट, स्टेट वैट को मिलाकर लगभग 150 प्रतिशत कर प्रति लीटर लगते हैं।

पेट्रोल, डीजल, रसोई गैस को जीएसटी के मौजूदा चार स्लैब में लाते ही दाम आधे हो जाएंगे। जीएसटी में 5, 12, 18 और अधिकतम 28 प्रतिशत की दर है, जबकि पेट्रोलियम पदार्थों पर केंद्र और राज्य के करों को जोड़कर 150 प्रतिशत तक टैक्स लगाया जा रहा है।

केंद्र और राज्यों के करों को समाप्त कर अगर पेट्रोल की बिक्री को जीएसटी की अधिकतम 28 प्रतिशत की परिधि में भी लाया जाता है तो दाम आधे रह जाएंगे।