वालमार्ट की फ्लिपकार्ट कर्मचारियों को नई पेशकश, हर ई-सॉप्स पर देगी 125 से 129 डॉलर

नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। देश की सबसे बड़ी ई-कॉमर्स कंपनी फ्लिपकार्ट ने अपने कर्मचारियों से स्टॉक ऑप्शन यानी ईसॉप खरीदने की पेशकश की है। इसके लिए कंपनी 125 से 129 डॉलर (करीब 8400 से रुपये) प्रति ऑप्शन भुगतान करेगी। यह जानकारी सूत्रों से मिली है। कंपनी द्वारा जारी स्टॉक ऑप्शन निश्चित समय के बाद शेयर में तब्दील हो जाते हैं।

बेंगलुरु स्थित इस कंपनी की 77 फीसद हिस्सेदारी अमेरिकी दिग्गज रिटेल कंपनी वालमार्ट द्वारा खरीदे जाने के बाद कर्मचारियों को यह पेशकश की गई है। एक सूत्र ने बताया कि कंपनी के मौजूदा और पूर्व कर्मचारियों को अपने कुछ ऑप्शन बेचने की अनुमति दी जाएगी। कंपनी इसके लिए 125 से 129 डॉलर प्रति ऑप्शन भुगतान करेगी। सूत्रों ने बताया कि कर्मचारियों को अभी 50 फीसद तक ऑप्शन बेचने की अनुमति होगी। वे दूसरे और तीसरे साल में 25-25 फीसद ऑप्शन बेच सकेंगे। पूर्व कर्मचारी 30 फीसद तक ऑप्शन बेच सकेंगे।

इस बारे में संपर्क किए जाने पर फ्लिपकार्ट के प्रवक्ता ने कहा कि कंपनी विकास और संपदा निर्माण के लिए कर्मचारियों के साथ मिलकर काम करती है। पिछले साल कंपनी ने ईसॉप परचेज प्रोग्राम के तहत दस करोड़ डॉलर (करीब 670 करोड़ रुपये) भुगतान करके तीन हजार से ज्यादा मौजूदा और पूर्व कर्मचारियों से ऑप्शन खरीदे थे।

ई-कॉमर्स को बने नियामक

ऑल इंडिया ऑनलाइन वेडंर्स एसोसिएशन (एआइओवीए) ने सरकार से मांग की है कि ई-कॉमर्स कंपनियों के कामकाज और इसकी नीतियों पर देखरेख के लिए नियामक नियुक्त किया जाए। एसोसिएशन ने हाल में फ्लिपकार्ट की 77 फीसद हिस्सेदारी वालमार्ट द्वारा खरीदे जाने की घोषणा के बाद यह मांग की गई है। कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स के अलावा दूसरे व्यापारी संगठनों और स्वदेशी जागरण मंच ने इस सौदे का विरोध किया है। एसोसिएशन ने एक बयान में कहा है कि हमने ई-कॉमर्स सेक्टर के लिए नियामक बनाने की मांग 2016 में नीति आयोग में बनी ई-कॉमर्स कमेटी के समक्ष भी की थी।

अधिग्रहण से वालमार्ट पर अच्छा असर- मूडीज

क्रेडिट रेटिंग एजेंसी मूडीज ने कहा है कि फ्लिपकार्ट की 77 फीसद हिस्सेदारी के अधिग्रहण से वालमार्ट की साख पर सकारात्मक असर पड़ेगा। हालांकि, फ्लिपकार्ट अगले कुछ वर्षो तक घाटे में ही बनी रहेगी। मूडीज ने क्रेडिट आउटलुक रिपोर्ट में कहा है कि इस सौदे से शुरू में वालमार्ट की साख पर प्रतिकूल असर पड़ सकता है। रिपोर्ट के अनुसार इस गिरावट के बावजूद अधिग्रहण से कंपनी की साख पर सकारात्मक असर होगा क्योंकि इससे वालमार्ट को भारतीय ई-कॉमर्स सेक्टर में बड़ा बाजार मिल जाएगा।