झगड़े में Whatsapp से बुलाए साथी तो दंगे का केस

बीते दिनों दक्षिणी दिल्ली के एक रेस्टोरेंट में डिलीवरी ब्यॉज द्वारा तोड़फोड़ और हंगामा करने के मामले में दंगे का मुकदमा दर्ज किया गया है। दिल्ली पुलिस ने मामले में अदालत में जांच रिपोर्ट दायर की। पुलिस रिपोर्ट में कहा गया है कि दो मुख्य आरोपियों ने मिलकर व्हाट्सएप का गलत इस्तेमाल किया। इन्होंने व्हाट्सएप के जरिए मैसेज फैलाकर दर्जनों डिलीवरी ब्यॉज को एकत्रित कर दंगा फैलाया। व्हाट्सएप मैसेज के प्रारूप के आधार पर ही पुलिस ने दंगे का मुकदमा दर्ज किया है।
पेश मामले में बीती 14 जुलाई की शाम कालकाजी में दिल्ली-19 नाम के रेस्टोरेंट पर कुछ डिलीवरी ब्यॉज ऑनलाइन ऑर्डर लेने आए थे। एक साथ कई बाइक इकट्ठा होने से वहां जाम लग गया, ऐसे में डिलीवरी ब्यॉज रेस्टोरेंट की पार्किंग में हंगामा करने लगे। जाम को देखते हुए बीट कांस्टेबल ने इन लड़कों को वहां से हटा दिया। इस पर डिलीवरी ब्यॉज को लगा कि रेस्टोरेंट वालों के कहने पर पुलिस ने उन्हें वहां से हटाया है।
आरोप है कि इस छोटी सी गलतफहमी के चलते डिलीवरी ब्यॉज ने रेस्टोरेंट में हंगामा खड़ा कर दिया था। इस मामले में साकेत स्थित अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश एस के गुप्ता की अदालत ने पुलिस की रिपोर्ट पर टिप्पणी करते हुए कहा कि आरोपियों ने व्हाट्सएप जैसी आधुनिक सुविधा का गलत इस्तेमाल किया है। पुलिस रिपोर्ट से अंदाजा लगाया जा सकता है कि उस समय रेस्टोरेंट में कैसे हालात रहे होंगे। अदालत ने पुलिस की रिपोर्ट को गंभीरता से लेते हुए आरोपियों को राहत देने से इंकार कर दिया।
पुलिस का कहना था कि उन्होंने मुख्य आरोपियों के फोन से भेजे गए व्हाट्सएप मैसेज की जांच कर पता लगाया कि किस-किस नंबर पर यह मैसेज भेजा गया और कौन-कौन सा नंबर वहां मौजूद था।
महिलाओं से बदसलूकी
जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि आरोपियों ने न केवल रेस्तरां मालिक से नकदी लूटी बल्कि उस वक्त वहां खाना खा रहीं महिलाओं के साथ बदसलूकी और पुरुषों के साथ मारपीट की। कोर्ट ने भी माना कि इस तरह की घटना दंगे जैसी ही है।
40 से ज्यादा शिकंजे में आए
पुलिस ने बताया कि मुख्य आरोपी धीरज और आशीष ने ही भीड़ को भड़काया। उन्होंने व्हाट्सएप के जरिए बड़ी तादाद में लोगों को एकत्र किया। 40 से ज्यादा डिलीवरी ब्यॉज की व्हाट्सएप मैसेज व सीसीटीवी के जरिए शिनाख्त की गई है।