गौशाला में गौवंश अनुदान हुआ दुगना,मल्हारगढ़ सिचाई परियोजना के लिए 2 हजार 932 करोड़ की मंजूरी

भोपाल।
प्रदेश में गौशालाओं को प्रोत्साहित करने निराश्रित गौवंश के लिए अनुदान की राशि अब बीस रुपए से बढ़ाकर दुगनी अर्थात चालीस रुपए प्रति गौवंश प्रति दिवस के मान से प्रदान की जाएगी। साथ ही राज्य में स्वावलंबी गौशालाओं की नीति का अनुमोदन भी कैबिनेट में किया गया। प्रदेश में पीपीपी मोड पर चिकित्सा महाविद्यालय की स्थपना के लिए जारी निविदा में संशोधन के प्रस्ताव पर भी मंगलवार को कैबिनेट में चर्चा की गई।
मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव की अध्यक्षता में आयोजित मंत्रिपरिषद की बैठक में प्रदेश की गौशालाओं में गाय, भैस सहित सभी प्रकार के गौवंश को दिए जाने वाले अनुदान की राशि बीस रुपए प्रति गौवंश प्रति दिन से बढ़ाकर दुगनी करने का निर्णय लिया गया। इसी प्रकार राज्य में स्वावलंबी गौशालाओं की स्थापना के लिए बनी नीति 2025 का अनुमोदन भी कैबिनेट में किया गया। इससे राज्य में गौवंश के संरक्षण के लिए संचालित गौशालाओं में गौवंश का उचित भरण पोषण और देखभाल हो सकेगी। इससे सड़कों पर घूमने वाले असहाय और दुघर्टनाओं में घायल गौवंश को भी यहां रखा जा सकेगा। मुख्यमंत्री पशुपालन विकास योजना वर्ष 2025-26 की निरंतरता बनाए रखने का निर्णय भी कैबिनेट में लिया गया। इसके तहत प्रदेश में सहकारिता के माध्यम से पशुपालन गतिविधियों हेतु शून्य प्रतिशत ब्याज दर पर किसान क्रेडिट कार्ड उपलब्ध कराने पर ब्याज अनुदान, भ्रूण प्रत्यारोपण कार्यक्रम, बांझ निवारण शिविरों का आयोजन, मुख्यमंत्री डेयरी प्लस कार्यक्रम, चारा उत्पादन कार्यक्रम, मध्यप्रदेश की मूल गौवंशीय नस्ल एवं भारतीय उन्नत नस्ल की दुधारु गायों हेतु पुरस्कार कार्यक्रम, मुख्यमंत्री दुधारु पशु प्रदाय कार्यक्रम तथा पशुपालकों को योजनाओं की जानकारी प्रदाय करने एवं उन्मुखीकरण हेतु प्रचार प्रसार की निरंतरता वर्ष 24-25 और 25-26 में रखे जाने के प्रस्ताव पर चर्चा की गई।
लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग की ओर से कैबिनेट में पीपीपी मोड पर चिकित्सा महाविद्यालय की स्थापना के लिए जारी निविदा में संशोधन के प्रस्ताव पर भी चर्चा की गई। इसके तहत निविदा प्रपत्र में आवश्यक परिवर्तन करने एवं अन्य निराकरण किए जाने के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में पीपीपी परियोजनाओं हेतु गठित राज्य स्तरीय सशक्त समिति को अधिकृत करने का निर्णय लिया गया।
जलसंसाधन विभाग की ओर से प्रस्तुत पार्वती कालीसिंध चंबल लिंक परियोजना के अंतर्गत मल्हारगढ़ (शिवना), दाबयुक्त सूक्ष्म सिचाई परियोजना लागत के लिए 2 हजार 932 करोड़ की प्रशासकीय स्वीकृति देने के प्रस्ताव पर भी कैबिनेट में चर्चा की गई। इससे साठ हजार हेक्टेयर क्षेत्र में सिचाई हो सकेगी। मंदसौर जिले की मल्हारगढ़ तहसील के 32 गांव और मंदसौर तहसील के 115 गांव इसमें लाभान्वित होंगे।
वित्त विभाग द्वारा लोक वित्त से वित्त पोषित कार्यक्रम योजना एवं इन कार्यक्रमों योजनाओं के अंतर्गत आने वाली परियोजनाओं के परीक्षण तथा प्रशासकीय अनुमोदन की प्रक्रिया पर भी कैबिनेट में चर्चा की गई। राज्य में कोई भी नवीन कार्यक्रम प्रारंभ किए जाने के लिए कैबिनेट की स्वीकृति जरुरी होगी। पूंजीगत परियोजनाओं कामों की स्वीकृति के लिए सक्षम स्तर की समितियों के वित्तीय अधिकारों में दोगुनी वृद्धि की गई है। परियोजनाओं कामों की स्वीकृति के लिए पीएम गति शक्ति का उपयोग अनिवार्य होगा। परियोजना, कार्यो को जीआईएस आधारित बनाने के लिए एमपीएसईडीसी के जियोपोर्टल पर प्लानिंग करना अनिवार्य किया गया है। परियोजना, कार्य की लागत में वृद्धि होंने पर पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति जारी करने के लिए प्रशासकीय विभाग को पुन: सक्षम वित्तीय समिति की अनुशंसा प्राप्त करना होगा परन्तु प्रशासकीय स्वीकृति के दस प्रतिशत तक राशि खर्च करने की अनुमति होगी। ऐसे कार्यक्रम जो 31 मार्च 2026 तक निरंतर है की सोलहवे केन्द्रीय वित्त आयोग की अवधि हेतु निरंतरता के लिए प्रशासकीय विभाग को विश्लेषण परिणाम एवं विभाग के मत सहित मंत्रिपरिषद से अनुमति प्राप्त करना होगा।
स्कूल शिक्षा विभाग की ओर से सत्र 2025-26 के लिए शासकीय शालाओं में गुणवत्ता के संबंध मे रखे गए प्र्रस्ताव पर भी विस्तृत चर्चा की गई। इसके तहत भारत सरकार शिक्षा मंत्रालय से संबद्ध संस्था एडसिल इंडिया में समग्र शिक्षा अभियान गुणवत्ता सुधार , एलईपी के अंतर्गत स्वीकृत विभिन्न गतिविधियों जो माध्यमिक एवं उच्चतर माध्यमिक कक्षाओं के छात्रों के लिए स्वीकृत है में काम करने का प्रस्ताव दिया गया है इस योजना में विद्यार्थियों की सीखने की क्षमता में वृद्धि एवं गुणवत्ता में सुधार और नचवार होंगे। मध्यप्रदेश में समग्र शिक्षा अभियान के तहत इस संस्था के साथ एमओयू किया जाएगा।
उर्जा विभाग की ओर से प्रस्तुत प्रस्ताव के तहत प्रदेश की विद्युत कंपनियों हेतु कार्यशील पूंजी ऋण, नगद साख सुविधा हेतु शासकीय प्रत्याभूति प्रदान किए जाने पर विचार किया गया। इसके तहत एमपी पावर मैनेजमेंट कंपनी में वर्ष 24-25 में 3770 करोड़, 25-26 में 4150 करोड़, 26-27 में 4565 करोड़ और 27-28 में 5020 करोड़ तािा 28-29 में 5520 करोड़ रुपए वित्तीय संस्थाओं बैंक से प्राप्त किए जा रहे नगद साख सुविधा कार्यशील पूंजी ऋण हेतु शासकीय प्रत्याभूमि प्रदान करने स्वीकृति देने पर चर्चा की गई
।