राजस्थान में तब पानी-पूर्ति हो, पहले राजधानी में ही प्यास बुझा दे सरकार; इतनी मारा-मारी

सरकारी पानी बेचकर चांदी कूटने से लेकर पानी में शराब की बोलतें डालने तक मामले में घेरे में जलदाय विभाग की नाकामी सामने आती जा रही है। टंकियों के जरिए सभी लोगों तक पानी पहुंचाने के दावे की पोल भी खुल रही है।

राजधानी में गिनाने के लिए कई इलाकों में प्लास्टिक की टंकियां रखी गई है, लेकिन इनमें से 20 से 35 फीसदी तक काम की ही नहीं है। कहीं टंकियां टूट गई है तो कहीं लोगों ने कब्जा जमा लिया। कई टंकी ऐसी भी है जो गायब ही हो चुकी है। जहां है, उसमें से भी कईयों का नल ही खराब है।