चीन की ‘दादागिरी’ होगी खत्म, अमेरिका-जापान के साथ भारत उतारेगा जंगी बेड़ों की फौज

नई दिल्ली, 5 जुलाई । सिक्किम सीमा विवाद के कारण चीन के साथ जारी तनातनी के बीच बंगाल की खाड़ी में अगले हफ्ते एक बड़ी सैन्य गतिविधि होने वाली है। 10 जुलाई से भारत के साथ अमेरिका और जापान मालाबार सैन्य अभ्यास में हिस्सा लेंगे। सभी देशों ने अपने टॉप जंगी बेड़ों को इस अभियान में शामिल होने के लिए भेजा है।

इस त्रिपक्षीय सैन्य युद्धाभ्यास में 15 जंगी बेड़े, दो सबमरीन और ढेरों फाइटर जेट्स, टोही विमान व हेलिकॉप्टर हिस्सा लेंगे। इस अभ्यास की टाइमिंग बेहद अहम है क्योंकि सिक्किम-भूटान-तिब्बत ट्राइजंक्शन के नजदीक बीते दो हफ्तों से भारत और चीन के सैनिक आमने-सामने डटे हुए हैं।

44570 टन वजनी एयरक्राफ्ट करियर आईएनएस विक्रमादित्य की अगुआई में भारत के छह से सात जंगी बेड़े और एक किलो क्लास सबमरीन मालाबार अभ्यास में शामिल होंगे। 2013 में नेवी शामिल किए जाने के बाद ऐसा पहली बार होगा, जब मिग-29के फाइटर जेट्स से लैस आईएनएस विक्रमादित्य इस तरह के पूर्ण सैन्य युद्धाभ्यास में अन्य देशों के साथ हिस्सा लेगा। सूत्रों ने बताया कि अमेरिका अपना 100,000 टन वजनी यूएसएस निमित्ज को इस अभ्यास में भेज रहा है। यह न्यूक्लियर पावर से चलने वाला विशालकाय जंगी बेड़ा है, जो FA-18 फाइटर जेट्स से लैस है। इस एयरक्राफ्ट करियर के स्ट्राइक ग्रुप में एक न्यूक्लियर अटैक सबमरीन और तीन से चार डिस्ट्रॉयर शामिल हैं।

इस युद्धाभ्यास में जापान अपना 27 हजार टन वजनी हेलिकॉप्टर करियर इजुमो और कुछ अन्य जंगी बेड़े लेकर आ रहा है। यह युद्धाभ्यास चेन्नै समुद्री तट से दूर विशाल जलक्षेत्र में होगा। दिलचस्प बात यह है कि 9 हेलिकॉप्टर ढो सकने में सक्षम यह जापानी बेड़ा ऐंटी सबमरीन युद्ध के लिए इस्तेमाल होता है। इसलिए मालाबार अभ्यास के 21वें संस्करण में ‘सबमरीन को शिकार’ बनाने पर विशेष फोकस होगा। भारत और अमेरिका भी अपने पोसाइडन-8 लॉन्ग रेंज पट्रोल एयरक्राफ्ट भेज रहे हैं। चीन इस युद्धाभ्यास से खासा चिंतित है। 2007 में उसने इसका तीखा विरोध भी किया था। उस वक्त भारत, अमेरिका, जापान, ऑस्ट्रेलिया और सिंगापुर ने इसमें हिस्सा लिया था।