ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट से पहले मध्य प्रदेश की नई उद्योग नीति सहित सात नीतियों को मंजूरी, निवेश पर 200 करोड रुपए तक अनुदान, 20 लाख नए रोजगार

भोपाल।मध्यप्रदेश में 24 और 25 फरवरी को होंने वाली ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के पहले प्रदेश की नई उद्योग संवर्धन नीति, मध्यप्रदेश एक्सपोर्ट प्रमोशन नीति, मध्यप्रदेश लाजिस्टिक नीति और वर्ष 2020 में जारी मध्यप्रदेश फिल्म पर्यटन नीति में संशोधन को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी। नई उद्योग संवर्धन नीति में निवेशकों के लिए रियायतों का पिटारा खोल दिया है। पचास से 125 करोड़ रुपए का निवेश करने वाले निवेशकों को चालीस से 32 प्रतिशत और 125 करोड़ से उपर निवेश करने वाले निवेशकों को 32 प्रतिशत से 10 प्रतिशत तक अधिकतम दो सौ करोड़ की निवेश प्रोत्साहन सहायता देगी। इस नीति से 20 लाख से अधिक नए रोजगार के अवसरों भी सृजन होगा।
इस नीति में रियायती बिजली, अपशिष्ट प्रबंधन के लिए दस करोड़, अधोसंरचना विकास के लिए पांच करोड़, विदरेशी प्रत्यक्ष निवेश पर एक करोड़, माल के परिवहन के लिए दो करोड़, अधोसंरचना विकास हेतु चालीस करोड़, हरित औद्योगिकीकरण हेतु दस करोड़ रुपए की मदद निवेशकों को देने वाली है। इस नीति को आज कैबिनेट ने मंजूरी प्रदान कर दी।
मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव की अध्यक्षता में मंत्रालय में हुई कैबिनेट बैठक में उद्योग संवर्धन नीति के तहत सेक्टर विशिष्ट की दस नीतियों को भी मंजूरी प्रदान की गई। इन दस नीतियों में कृषि डेयरी एवं खाद्य प्रसंस्करण नीति, टैक्सटाईल नीति, परिधान, फुटवियर, खिलौने और सहायक उपकरण नीति, एयरोस्पेस और रक्षा उत्पादन प्रोत्साहन नीति, फार्मास्यूटिकल नीति, बॉयोटेक्नालॉजी नीति, मेडिकल डिवाईसेस नीति, ईव्ही विनिर्माण नीति, नवकरणीय उर्जा उपकरण विनिर्माण नीति, हाई वेल्यू एड विनिर्माता नीतियों को भी कैबिनेट ने मंजूरी प्रदान कर दी। नई उद्योग संवर्धन नीति में निवेश प्रोत्साहन सहायता, ब्याज अनुदान, रोजगार सृजन एवं प्रशिक्षण और कौशल विकास सहायता, ईटीपी, जेडएलडी, अधोसंरचना विकास, गुणवत्ता प्रमाणीकरण के लिए अगले पांच वर्षो में सरकार 13 हजार 719 करोड़ रुपए खर्च करेगी। इसमें निवेश प्रोत्साहन पर सर्वाधिक 81.44 प्रतिश्त याने 11 हजार 174 क रोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। इस नीति से प्रदेश में बीस लाख नए रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे उनके लिए कार्यबल तैयार किया जा सकेगा।
उद्योगों को यह मदद मिलेगी-
विद्युत टैरिफ में रियायत दी जाएगी। नवीन इकाईयों को डिस्काम, ग्रिड से बिजली खरीदने पर विद्युत वितरण कंपनी के वार्षिक टैरिफ प्लान के आदेश अनुसार रियायती बिजली दी जाएगी। हरित औद्योगिकीकरण के लिए उपचार संयंत्र, सीवेज उपचार, संयंत्र प्रदूषण नियंत्रण उपकरण खरीदने पचास प्रतिशत की सहायता अधिकतम पांच करोड़ रुपए तक दी जाएगी। अधोसंरचना विकास के लिए बिजली, पानी, गैस पाइपलाईन ड्रेनेज एवं सीवेज अधोसंरचना तथा सड़क निर्माण के लिए पचास प्रतिशत अधिकतम पांच करोड़, आईपीआर एवं जैविक प्रमाणन के खर्च के लिए पेटेंट कापीराइट, ट्रेडमार्क, जीआई, में किए गए खर्च की शत प्रतिशत पूर्ति अधिकतम दस लाख रुपए प्रति इकाई प्रथम पांच वर्ष के लिए की जाएगी। जैविक प्रमाणन हेतु व्यय की प्रतिपूर्ति हेतु प्रमाणीकरण एजेंसी एपीडा द्वारा जैविक प्रमाणन पर सौ प्रतिशत अधिमिम पांच लाख रुपए प्रति इकाई प्रतिपूर्ति होगी। अतिरिक्त सहायता के रुप में विदेशी प्रत्यक्ष निवेश हेतु एफडीआई गणक 1.2 तक, तकनीकी हस्तांगरण लागत हेतु पचास प्रतिशत तक अधिकतम एक करोडृÞ, औद्योगिक आवास हेतू पीपीपी मॉडल के तहत औद्योगिक आवास सुविधा सहायता औद्योगिक आवास परियोजनाओं को चालीस प्रतिशत तक वीजीएफ सहायता दी जाएगी। कौशल विकास के लिए केन्द्र, राज्य की योजनाओं का लाभ दिया जाएगा। निजी क्षेत्र में दिव्यागजनों की पांच प्रतिशत भर्ती पर लाभ मिलेगा, स्किल डेवलपमेंट, भविष्य निधि एवं ईएसआई सहायता बीमा प्रीमियम की प्रतिपूर्ति भी होगी। माल के परिवहन के लिए इकाई से फैक्ट्री परिसर से निर्यात हेतु भारतीय सीमा तक माल ले जाने परिवहन लागत कीि पचास प्रतिशत चालीस लाख प्रति यूनिट तक दो करोड़ रुपए पांच वर्ष तक दिए जाएंगे।
निजी औद्योगिक पार्क हेतु मदद- स्टांप शुल्क सौ प्रतिशत, अधोसंरचना विकास हेतु पचास प्रतिशत बीस लाख रुपए प्रति एकड़ चालीस करोड़ अधिकतम, हरित औद्योगिकीकरण हेतु पचास प्रतिशत अधिकतम पांच करोड़ जीरो लिक्विड डिस्चार्ज पर दस करोÞ, निजी औद्योगिक पार्क में इकाईयों को अतिरिकत मदद मिलेगी।
विनिर्माण सेवा क्षेत्रों के लिए प्लग एंड प्ले सुविधा-
अधोसंरचना हेतु 25 करोड़, हरित औद्योगिकीकरण हेतु पांच करोड़, जीरो लिक्विड डिस्चार्ज पर दस करोड़ कामन फेसेलिटी सेंटर पर 25 करोड़, प्लग एंड प्ले इकाईयों को दस रुपए प्रति वर्गफुट रेंटल पर पांच साल के लिए जमीन मिलेगी।