बडऩगर में एसडीएम ने कांग्रेसियों पर बरसाए डंडे, नागदा में सड़क पर ढोला दूध
किसानों के आंदोलन के तहत अंचल में भी जमकर हंगामा हुआ। किसानों के आंदोलन में हस्तक्षेप कर रहे कांग्रेसियों ने हंगामा कर दिया। एसडीम ने डंडा थामा और कांग्रेसियों पर बरसाए। इधर, नागदा में भी किसानों के आंदोलन का असर ऐसा रहा कि 50 क्विंटल दूध व 2 टै्रक्टर प्याज सड़क पर फेंक दिए गए। इससे परेशानी जनता को हुई। इधर, महिदपुर रोड, उन्हेल, जगोटी, खाचरौद व माकड़ौन में हड़ताल का असर रहा।
बडऩगर. तहसील चौराहे पर हड़ताल कर रहे किसानों ने बीच कांग्रेसी पहुंचे और प्याज बिखेर दिए व चक्काजाम शुरू कर दिया। इसी बीच यहां से गुजर रही भाजपा विधायक की एक गाड़ी पर प्याज फेंके, जिस पर एसडीएम अवि प्रसाद ने मोर्चा संभाला व कांग्रेस नेताओं पर लाठियां भांजी। प्रशासन ने चक्काजाम करने वाले कांग्रेस नेता मोहनसिंह पंवार, विजय मेहता, श्रवण पाटीदार, लालू आचार्य, देवेश पटेल, कल्लू पटेल, विक्रम, कमल पाटीदार, पवन, राकेश जागीरदार के खिलाफ धारा 341, 147 में प्रकरण दर्ज किया। प्रशासन ने कई ट्रैक्टर व किसानों के वाहन जब्त किए। बाद में जिन्हें छोड़ दिया गया।
नागदा. केंद्र व राज्य सरकार के खिलाफ आक्रोशित किसानों का गुरुवार को गुस्सा फूट पड़ा आंदोलन में ग्रामीण क्षेत्र के भाजपा नेताओं ने भी भाग लिया। आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों के किसानों ने सड़क पर उतरकर आंदोलन किया। इस दौरान किसी भी ग्रामीण को शहर में दूध व सब्जी लेकर नहीं आने दिया गया।
आंदोलनकारियों ने शहर के चारों रास्तों पर खड़े होकर दूध लेकर आ रहे किसानों से दूध छिनकर सड़क पर ढोल दिया। आंदोलनकारियों ने लगभग 50 क्विंटल दूध ढोला। इस दौरान कुछ स्थानों पर हल्का विवाद भी हुआ। इधर, शहर में दूध नहीं पहुंचने से कई लोगों को परेशान होना पड़ा। शुक्रवार को और अधिक गंभीर समस्या उत्पन्न हो सकती है। आंदोनकारियों ने शाम को उज्जैन से नागदा आ रही सांची दूध के दो वाहन को लूट लिया। वाहनों ने रखा दूध व पनीर भी सड़क पर फेंक दिया।
भाजपा नेता भी उतरे आंदोलन में- आंदोलन मुख्य रूप से केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ किया जा रहा है। आंदोलन को कांग्रेस का समर्थन है। ऐसे में भाजपा ने इस आंदोलन को राजनीतिक आंदोलन कहते हुए आंदोलन को अपने आप से दूर रखा, लेकिन ग्रामीण क्षेत्र भाजपा युवा मोर्चा अध्यक्ष युवराजसिंह राणावत ने बढ़-चढ़कर आंदोलन में भाग लिया। राणावत ने गांव रोहलखुर्द, रोहकलां व आसपास के गांव से किसी भी किसान को शहर नहीं आने दिया। राणावत ने शहर से गांव दूध लेने आए डेयरी संचालकों को भी गांव में नहीं आने दिया।
दूध वाहन लूटा
शाम 5 बजे बायपास चौराह पर उज्जैन दूध सहकारी संघ से शहर आ रहे दो वाहन (एमपी 43 एल 1332) व (एमपी 18 एल 0806) को आंदोलनकारियों ने रोका और वाहन में रखे दूध के कैरेट व पनीर सड़क पर फेंक दिए। दोनों वाहन में 21 क्विंटल दूध व 6 किलो पनीर था, जिसकी कीमत लगभग 1 लाख रुपए बताई जा रही है। घटना के पूर्व आंदोलनकारियों ने शहर में संाची के डिलर नीलेश चौधरी को फोन भी लगाया और दोपहर को लगभग 25 से 30 किसान दुकान पर पहुंच गए। उन्होंने यहां चेतावनी दी कि यदि शाम को उज्जैन से दूध के वाहन आए तो लूट लिया जाएगा। जिसकी सूचना चौधरी ने पुलिस को दी थी। पुलिस ने चौधरी की शिकायत पर कांग्रेस नेता
बंशीदास बैरागी निवासी बनबना गांव व 30 अन्य के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर किया, लेकिन इसके बाद भी आंदोलनकारियों ने हजारों लीटर दूध बहा दिया। यदि पुलिस मौके पर मौजूद रहती तो यह स्थिति नहीं बनती।
हजारों लीटर दूध बहा दिया
सुबह 6 बजे ही किसानों ने शहर में प्रवेश करने वाले मार्ग बायपास, स्टेट हाईवे, चौपाल सागर, चंबल ब्रिज, महिदपुरा नाका व गांव भाटीसुड़ा के समीप डेरा डाल दिया था। आंदोलनकारियों ने शहर में दूध व सब्जी लेकर आ रहे किसानों को रोका और उन से दुध छिनकर सड़क पर फेंक दिया। इस दौरान चौपाल सागर के समीप स्टेट हाइवे पर लगभग 2 ट्राली भरक प्याज भी सड़क पर फेंके गए। इसी प्रकार खाचरौद नाके पर कालका माता मंदिर के समीप, गांव भाटीसुड़ा में भी दुध सड़क पर बहा दिया गया। जिसके बाद शहर में दोपहर व शाम को आंदोलनकारियों ने वाहन से घूम-घूम कर खुली दुध डेयरी को बंद कराया। दोपहर को किसानों ने सब्जी मंडी में भी पहुंचकर हंगामा किया और खुली दुकानों को बंद कराया।
लोग होते रहे परेशान
इधर, गांव से दुध नहीं आने पर शहर में लोगों को परेशान होना पड़ा। हांलाकि गुरुवार को सुबह शहर में सांची, अमूल, सौरभ कंपनी का दूध वितरण होने व कुछ डेयरी खुली होने से अधिक समस्या नहीं आई। लेकिन स्थिति यही रही तो यह समस्या शुक्रवार को विकराल रूप ले सकती है।