ज्यादा देर भूखे पेट रहने से भी होता माइग्रेन, जानें इसके बारे में

दुनियाभर में लाखों लोग माइग्रेन के अटैक से परेशान रहते हैं। इसके मरीजों की संख्या बढ़ती ही जा रही है। तेज व असहनीय सिरदर्द होने के अलावा जी मिचलाना, चेहरे के कुछ हिस्से में दर्द और शोरगुल, रोशनी व किसी प्रकार की गंध से परेशानी महसूस होती है। ऐसे में मरीज की आंखों के सामने कई बार अंधेरा भी छा जाता है और आंखों में लालिमा आ जाती है। इससे मरीज की याददाश्त और एकाग्रता पर भी बुरा असर पड़ता है। लाइफस्टाइल में कुछ बातों पर गौर कर इससे बचा जा सकता है-

कैफीन से बचें : कॉफी और कोल्ड डिरक जैसे पेय पदार्थों से दूरी बनाएं। इनमें मौजूद कैफीन माइग्रेन का बड़ा ट्रिगर हो सकता है।

थोड़ा-थोड़ा खाएं : लंबे समय तक भूखे न रहें। दिनभर में थोड़ा-थोड़ा करके कुछ न कुछ खाते रहें क्योंकि लो ब्लड शुगर के कारण भी माइग्रेन अटैक की आशंका रहती है।

ट्रिगर को पहचानें : अपनी दिनचर्या पर गौर करें कि आपको माइग्रेन का दर्द शुरू हुआ तो उससे पहले आपने भोजन में क्या खाया या क्या पिया, नींद में कोई परेशानी आई या नहीं या किसी प्रकार की शारीरिक गतिविधि तो नहीं की? इससे आप समस्या की जड़ तक पहुंच सकेंगे और तब आप उसका समाधान आसानी से पा सकेंगे।
पर्याप्त नींद लें : सोने का समय निश्चित रखें और तय समय पर ही उठें। नींद पूरी न होने से भी माइग्रेन की दिक्कत होती है। शरीर में पानी की कमी भी इसका एक कारण है। इसलिए रोजाना ७-८ गिलास पानी जरूर पिएं।

माइग्रेन के लक्षण
आम तौर पर इसका शिकार होने पर सिर के आधे हिस्से में दर्द रहता है। जबकि आधा दर्द से मुक्त होता है। जिस हिस्से में दर्द होता है, उसकी भयावह चुभन भरी पीड़ा से आदमी परेशान हो जाता है। माइग्रेन मूल रूप से तो न्यूरोलॉजिकल समस्या है। इसमें रह-रह कर सिर में एक तरफ बहुत ही चुभन भरा दर्द होता है। ये कुछ घंटों से लेकर तीन दिन तक बना रहता है। इसमें सिरदर्द के साथ-साथ गैस्टिक, जी मिचलाने, उल्टी जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं।

इसके अलावा फोटोफोबिया यानी रोशनी से परेशानी और फोनोफोबिया यानी शोर से मुश्किल भी आम बात है। माइग्रेन से परेशान एक तिहाई लोगों को इसकी जद में आने का एहसास पहले से ही हो जाता है। पर्याप्त नींद न लेना, भूखे पेट रहना और पर्याप्त मात्रा में पानी न पीना जैसे कुछ छोटे-छोटे कारणों से भी आपको माइग्रेन की शिकायत हो सकती है।