प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना की सड़को मे ठेकेदार कर रहे धांधली
एजेंसी से दोबारा कार्य करवाने की जगह अधिकारी दे रहे संरक्षण
आमला,रोहित दुबे। सरकार की महत्वाकांक्षी प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना को भ्रष्टाचार की दीमक अंदर ही अंदर खोखला कर रही है। ब्लाक में इस योजना के तहत बनाई गई कई सड़कें भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई हैं। कुछ महीनो पहले बनी कुछ किमी की सड़कों में ही जगह-जगह दरारें आ गई है। करोड़ों रुपये की लागत से नियम-कायदे ताक पर रख सड़क का निर्माण किया जा रहा हैं। प्रति वर्ष नई पक्की सड़क और पुराने जर्जर सड़कों के निर्माण के लिए शासन द्वारा विभाग को करोड़ों रुपए की राशि अधिकांश जिलों को मिलती है लेकिन ठेकेदार और अधिकारियो की मिलीभगत से सड़क का घटिया निर्माण कर शासन को करोड़ों का चूना लगाया जा रहा हैं। कोई देखने सुनने वाला नहीं है।
कई ब्लाक में हाल ही में बनी दर्जनों सड़कों पर दरारें नजऱ आने लगीं हैं। लेकिन अधिकारियों तक कैसे सूचना नहीं पहुंच रही यह आश्चर्यजनक है। निर्माण कार्य में शासन द्वारा तय मापदंडों की अनदेखी करते हुए प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में पक्की सड़कों का कार्य बदस्तूर जारी है। जिससे सड़कों की मजबूती पर सवाल खड़े हो रहे है। अधिकारियों के पास शिकायत करने पर शिकायत का निराकरण वही कर दिया जाता है।
आमला ब्लाक की ग्रामीण सड़कें जिसमें काजली से बोरी, मोरखा से तरोड़ा बुजुर्ग आवरिया से आमला सहित अन्य सडके शामिल है। प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के नाम पर भ्रष्टाचार की लगातार शिकायतें आ रही हैं। लेकिन विभाग इसे संज्ञान में लेने की जगह इसकी अनदेखी कर रहा है। जिससे नवनिर्मित सड़कें उबड़-खाबड़ हैं और धसने लगी हैं। सड़क निर्माण में भारी लापरवाही की जा रही है।
योजना में गुणवत्ताहीन काम
करोड़ों रुपए की लागत से बनने वाली ये सड़कें स्तरहीन और निम्न दर्जे की बन रही है. जिन सड़कों को कम से कम 5 बार के लिए अच्छी स्थिति में होने का दावा विभाग कर रहा है, उन सड़कों का आलम यह है कि बनने के कुछ महीनो बाद ही, सड़कें उखड़ रही है। जिले के आमला ब्लाक में बनी सड़कों का ज्यादातर हिस्सा गुणवत्ताहीन है. जो बनने के कुछ समय बाद ही उखडऩे लग गया है। सीलिंग कोट होने के बाद भी सड़क उखड़ रही है. जबकि जिस सड़क को फाइनल कर दिया गया है वह भी साधारण हाथों से ही उखड़ रही है. ग्रामीणों ने ठेकेदार की मनमानी और गुणवत्ताहीन काम की शिकायत की है। मौके पर मीडिया ने भी यह पाया की सड़कें पूरी तरह गुणवत्ता हीन है। ग्रामीण भी मानते हैं कि ऐसी सड़क का 5 साल चलना नामुमकिन है।
निर्माण एजेंसी को अफसरों का संरक्षण
ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि घटिया निर्माण कार्य की जानकारी विभागीय अफसरों को है। इसके बाद भी कार्रवाई करने के बजाय हाथ में हाथ धरे बैठे हुए हैं। निर्माण एजेंसी को विभागीय अफसरों का संरक्षण मिल रहा है। ग्रामीणों ने यह भी आरोप लगाया है कि ठेकेदार द्वारा गुणवत्ता का ध्यान नहीं रखा गया जिससे सड़कों में दरार आनी शुरू हो गई है। चंद महीनों में सड़कें धंसकने के साथ डामर भी उखडऩे लगा है।
इनका कहना है
प्रधानमत्री सड़क विभाग के प्रबंधक आर के जैन ने बताया आवरिया सड़क व अन्य कार्यो के घटिया निर्माण के कारण भुगतान रोक दिया गया है।