चार दिनों में 2500 अंक टूटा सेंसेक्स, ये है आपके हर सवाल का जवाब

नई दिल्ली। आम बजट 2018 के पेश होने से अब तक लागातर चार सत्रों में भारतीय शेयर बाजार में गिरावट देखने को मिल रही है। इन बीते चार सत्रों में सेंसेक्स करीब 2500 अंक तक टूट चुका है। ऐसे में फिनेथिक वेल्थ सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी और निदेशक विवेक कुमार नेगी से बातचीत के दौरान उनसे उन सवालों के जवाब जानने की कोशिश की जो वर्तमान समय में तमाम निवेशकों के मन में चल रहे हैं।
शेयर बाजार की गिरावट कहां तक जारी रहेगी?
विवेक नेगी का मानना है कि भारतीय शेयर बाजार में गिरावट अभी जारी रह सकती है। साथ ही बाजार कोर वैल्यू तक आने तक की कोशिश करेगा जो कि सेंसेक्स 31500 से 31000 तक के स्तर पर आ सकता है। वहीं निफ्टी के 9500 के स्तर तक आने की उम्मीद है।
बाजार में इस गिरावट के क्या बड़े कारण हैं?
भारतीय शेयर बाजार में गिरावट के पीछे का मुख्य कारण उन्होंने बताया कि ग्लोबल मार्केट एकसपेंसिव इवैल्यूएशन के चलते यह बिकवाली दर्ज की जा रही है। उन्होंने दूसरी वजह यह बताई है कि सरकार की ओर से पेश किया गया आम बजट 2018 देश और अर्थव्यवस्श्था दोनों के लिए अच्छा नहीं है। बजट में जो लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन (LTCG) के प्रावधान की घोषणा की गई है वो बाजार के लिहाज से नकारात्मक हैं। वहीं तीसरा कारण उन्होंने बाताया है कि ग्लोबाल मार्केट में जो करेक्शन आ रहा है वह भी एक भारतीय बाजार में आने वाली गिरावट का एक प्रमुख कारण है।
जिन शेयर्स में गिरावट देखने को मिल रही है क्या निवेशकों को नुकसान लेकर बाजार से निकल जाना चाहिए या फिर बने रहना चाहिए?
जो कंपनिया बुनियादी रूप से मजबूत हैं वो बाजार में निवेशकों को अवसर देते हैं। अगर आपने अच्छी कंपनियों में निवेश किया हुआ है तो कम से कम दो से तीन वर्षों तक आपको बाजार में बने रहना चाहिए। लेकिन वहीं, अगर आपने ऐसी कंपनियों में निवेश किया हुआ है जो बुनियादी रूप से कमजोर हैं तो आपको बाजार से तुरंत बाहर आ जाना चाहिए।
बाजार के लिहाज से कौन से सपोर्ट लेवल हैं?
बाजार के लिहाज से जो बड़े लेवल हैं वो सेंसेक्स के लिए 33,000 का स्तर और निफ्टी के लिए 10,200 का स्तर है। ये लेवल बहुत बड़ें हैं और इन्हें शॉर्ट टर्म बाउंस के लिए देखा जा सकता है।
अगर गिरावट में खरीदारी करनी हो तो कौन से सेक्टर में करें?
अगर बाजार की इस गिरावट में खरीदारी करना चाहते हैं तो ऐसे सेक्टर में करें तो फंडामेंटली (बुनियादी रूप से) बहुत अच्छे हो। साथ ही उन कंपनियों में जिनमें सरकार ने आम बजट 2018 में फोकस किया है। इसमें सबसे पहला कृषि आधारित और किसानों से संबंधित क्षेत्र हैं। जैसे टैक्टर्स और फर्टिलाइजर्स एंड केमिकल्स की कंपनी हो सकती है। इसके बाद उन कंपनियों में खरीदारी कर सकते हैं जो फूड प्रोसेसिंग से संबंधित है क्योंकि सरकार ने बजट में फूड प्रोसेसिंग कंपनियों पर फोकस किया है।
इस गिरावट में सबसे ज्यादा नुकसान कौन से सेक्टर्स में हुआ?
इस गिरावट में सबसे ज्यादा नुकसान बैंकिंस सेक्टर में ही देखने को मिला है। साथ ही ऑटो सेक्टर में भी करेक्शन देखने को मिली है। वहीं, बाजार में मिडकैप इंडेक्स और स्मॉसकैप इंडेक्स में तो काफी समय से बिकवाली देखने को मिल रही है।
शेयर बाजार की दिशा तय करने वाले अगले ट्रिगर कौन से हो सकते हैं?
सबसे पहले तो भारतीय रिजर्व बैंक की क्रेडिट पॉलिसी आ रही है। ऐसे में क्रेडिट पॉलिसी का आउटकम बाजार की दिशा तय कर सकता है। दूसरा ट्रिगर कंपनियों की ओर से चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही के नतीजे जारी किये जा रहे हैं। इन कंपनियों के नतीजे किस तरह के आते हैं इस पर बाजार निर्भर करेगा। वहीं तीसरा ट्रिगर यह है कि ग्लोबाल मार्केट किस तरह ट्रेड करते हैं उनका कैसा रवैया रहने वाला है यह भी एक देखने वाली बात होगी।