Cryptocurrency को लेकर कंसल्टेशन पेपर लगभग तैयार, जल्द किया जाएगा सबमिट: आर्थिक मामलों के सचिव
नई दिल्ली। आर्थिक मामलों के सचिव अजय सेठ ने सोमवार को कहा कि क्रिप्टोकरेंसी पर एक कंसल्टेशन पेपर को अंतिम रूप दे दिया गया है। इसे जल्द ही सबमिट किया जाएगा। सचिव अजय सेठ ने वित्त मंत्रालय द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में इस बात की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इस मामले में देश और बाहर के अन्य प्रतिभागियों से कंसल्ट किया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि क्रिप्टो की चुनौतियों से निपटने के लिए वैश्विक समर्थन की आवश्यकता है। भारतीय अर्थव्यवस्था पर बोलते हुए सेठ ने कहा कि चुनौतीपूर्ण माहौल के बावजूद भारत अभी भी दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ती हुई बड़ी अर्थव्यवस्था होगी।
RBI का रुख भी क्रिप्टोकरेंसी के प्रति हमेशा सख्त
आंकड़ों की मानें तो क्रिप्टो के प्रति आकर्षण के मामले में वियतनाम के बाद भारत का ही स्थान था। हालांकि, भारत सरकार इस जोखिम भरे कारोबार को बढ़ावा नहीं देना चाहती है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) का रुख भी क्रिप्टोकरेंसी के प्रति हमेशा सख्त रहा है। हालांकि, वित्त वर्ष 2022-2023 का बजट जारी करते हुए केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ये कहा था कि भारत में जल्द ही डिजिटल करेंसी शुरू की जाएगी। सरकार क्रिप्टोकरेंसी को लेकर विचाराधीन है। अब इस पर आर्थिक मामलों के सचिव अजय सेठ ने क्रिप्टोकरेंसी पर एक कंसल्टेशन पेपर तैयार किया है, जिसे जल्द पेश किया जाएगा।
भारत में तेजी से बढ़ रहा क्रिप्टो का कारोबार
आपको बता दें कि क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) का कारोबार पिछले कुछ वर्षों के दौरान भारत में तेजी से बढ़ता हुआ देखा गया है। अक्टूबर में क्रिप्टो एनालिसिस फर्म Chainalysis की एक रिपोर्ट आई थी, जिसके अनुसार जुलाई 2020 से जून 2021 की अवधि में भारत के क्रिप्टो बाजार में 641 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई। कुल मिलाकर, मध्य और दक्षिण एशिया चौथा सबसे बड़ा क्रिप्टो मार्केट बन गया और इस अवधि के दौरान 572.5 बिलियन डॉलर मूल्य की प्राप्तियां हुईं। मूल्य के नजरिये से यह वैश्विक क्रिप्टो लेनदेन का लगभग 14 प्रतिशत था।
क्या हैं Cryptocurrencies?
क्रिप्टोकरेंसी वास्तव में ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी पर आधारित डिसेंट्रलाइज्ड डिजिटल मनी है। इसे क्रिप्टोग्राफी (Cryptography) से सुरक्षित किया गया है। अब आप जानना चाहेंगे कि यह Blockchain क्या है? आसान शब्दों में कहें तो क्रिप्टोकरेंसी के मामले में ब्लॉकचेन एक डिजिटल लेजर (बही-खाता) है, जिसके इस्तेमाल का अधिकार सिर्फ यूजर्स को होता है। यह लेजर कई तरह के एसेट्स के लेनदेन को रिकॉर्ड रखता है, जिसमें पैसे, घर आदि जैसे एसेट्स शामिल होते हैं।
ब्लॉकचेन का अधिकार यूजर्स के साथ साझा किया जाता है और खास बात यह है कि यहां उपलब्ध जानकारियां पूरी तरह पारदर्शी, तात्कालिक और इतनी सुरक्षित होती हैं कि इसे यूजर्स क्या एडमिनिस्ट्रेटर भी इनमें किसी तरह का बदलाव नहीं कर सकते। अब सेंट्रलाइज्ड और डिसेंट्रलाइज्ड मनी का फर्क भी समझ लेते हैं। सेंट्रलाइज्ड मनी हमारे लिए रुपया है, जिसे भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा गवर्न किया जाता है। डिसेंट्रलाइज्ड मनी को गवर्न करने वाला कोई नहीं होता और इसके मूल्य में गिरावट या तेजी को सुपरवाइज करने वाली कोई अथॉरिटी नहीं होती।
भारत में बिटकॉइन न तो कानूनी है और न ही अवैध
कुछ देशों ने अभी भी यह तय नहीं किया है कि बिटकॉइन का क्या किया जाए। इन देशों में कोई स्पष्ट नियम या कानूनी सुरक्षा नहीं है। ये देश अभी क्रिप्टोकरेंसी के लिए एक कानूनी ढांचा तैयार करने में लगे हुए हैं। ऐसे देशों में भारत भी है। इसके अलावा कई देश शामिल हैं, जिनमें प्रमुख देश अल्बानिया, अफगानिस्तान, अर्जेंटीना, ब्रिटिश वर्जिन आईलैन्ड्स, कंबोडिया, क्यूबा, पाकिस्तान और केन्या भी शामिल हैं। भारत सरकार का रुख इसके लिए स्पष्ट नहीं है। सरकार इसे रेगुलेट करने पर अभी विचार कर रही है।