मध्य प्रदेशः कांग्रेस सरकार ने विधानसभा में कहा ‘बंद नहीं होगा व्यापमं’
मध्य प्रदेश में अब तक शिवराज सरकार को जिन मुद्दों पर कांग्रेस घेरते आई थी उन सब पर नई कांग्रेस सरकार यू-टर्न लेती दिख रही है. पहले मंदसौर गोलीकांड और फिर नर्मदा किनारे पौधरोपण के बाद अब व्यापमं (प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड) जैसे संवेदनशील मुद्दे पर भी कांग्रेस का विधानसभा में हैरान करने वाला फैसला आया है.
विधायक हर्ष विजय गहलोत द्वारा पूछे गए सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री कमलनाथ का लिखित जवाब आया है. दरअसल, गहलोत ने सवाल पूछा था कि क्या शासन व्यापमं को बंद करेगा?
इस पर कमलनाथ ने जवाब दिया कि वर्तमान में सामान्य प्रशासन विभाग में ऐसा कोई प्रस्ताव विचाराधीन नही है’. सिर्फ यही नहीं सवाल के बिंदु (ग) में विधायक हर्ष विजय गहलोत ने पूछा कि ‘क्या व्यापमं को वित्तीय अधिकार प्राप्त नहीं है? क्या उसे फीस तय करने का भी अधिकार प्राप्त नहीं है? और अगर ऐसा है तो क्या ये बेरोजगारों के साथ छलावा नहीं है? इस सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि व्यापमं को परीक्षा शुल्क तय करने का अधिकार है इसलिए यह कहना सही नहीं है कि बेरोजगारों के साथ किसी प्रकार का छलावा किया जाता है.
वचन पत्र में था व्यापमं बंद करने का वादा
पिछले साल के अंत में कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव से पहले उसके वचन पत्र में यह वादा किया था कि 2008 से 2018 तक व्यापमं द्वारा ली गई परीक्षाओं में जिनका चयन नहीं हुआ उनका परीक्षा शुल्क वापस लौटाया जाएगा और व्यापमं को बंद किया जाएगा जबकि बुधवार को वचन पत्र के उलट जवाब दिए गए है जिससे कांग्रेस एक बार फिर सवालों के घेरे में आ सकती है.
बीजेपी ने उठाए सवाल- यू-टर्न ले रही कांग्रेस
विधानसभा में दिए गए जवाब पर बीजेपी की प्रतिक्रिया भी आ गई है. बीजेपी प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल ने ट्वीट कर लिखा है कि व्यापमं मामले पर विधानसभा में कमलनाथ सरकार का यू-टर्न’. बीजेपी ने हमला करते हुए कहा कि कांग्रेस ने सिर्फ लोगों से वोट हासिल करने के लिए झूठे आरोप लगाए और जब सरकार बन गई तो कांग्रेस उन्हीं सब आरोपों पर यू-टर्न ले रही है.
व्यापमं (प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड) घोटाला बीजेपी राज के दौरान बेहद चर्चित और विवादित रहा था, इस केस की जांच के दौरान कई लोगों की जान तक चली गई और पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दलों ने इसे जमकर चुनावी मुद्दा बनाया था.