1 लाख में देते थे एमबीए और एमसीए की डिग्री, जानिए कैसे हुआ खुलासा

मेरठ पुलिस ने फर्जी मार्कशीट, डिग्री और डिप्लोमा बनाने वाले अंतरराज्यीय गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों के कब्जे से 100 से ज्यादा बोर्ड, यूनिवर्सिटी और कालेजों की मार्कशीट बरामद की गई है। इसके अलावा थोक के भाव में मोहरें, कागजात, प्रिंटर और होलमार्क लगाने वाली मशीन बरामद की गई है। आरोपियों ने पूरे देश के कई राज्यों के बोर्ड और विवि के नाम से अभी तक लाखों डिग्री और मार्कशीट बनाकर बेची हैं। आरोपियों ने पूछताछ में खुलासा किया कि एक लाख रुपये में एमबीए और एमसीए कराते थे।

कंकरखेड़ा पुलिस को मेरठ में ही सक्रिय एक गिरोह का इनपुट मिला, जो मार्कशीट सप्लाई कर रहा था। फर्जी मार्कशीट, डिग्री और डिप्लोमा बनाने वाले गिरोह पर काम करते हुए पुलिस ने रोहटा रोड से पांच युवकों को उठा लिया। आरोपियों को पुलिस ने कंकरखेड़ा थाने लाकर पूछताछ की तो सनसनीखेज खुलासे हुए। ये आरोपी यूपी के कई विश्वविद्यालय के अलावा राजस्थान, हरियाणा, पंजाब, सिक्किम, तेलंगाना, भोपाल, बिहार समेत कई राज्यों के विवि की मार्कशीट लोगों को उपलब्ध कराते थे।

गिरोह एक लाख में किसी भी यूनिवर्सिटी की एमबीए और एमसीए की डिग्री बना देता था। गिरोह ने कई बोर्ड की भी मार्कशीट की कॉपी कर असली जैसी मार्कशीट बनाकर लोगों को बेची हैं। पुलिस इस मामले में हजारों की संख्या में बनी और अधबनी मार्कशीट बरामद कर चुकी है। इसके अलावा गिरोह में शामिल बाकी आरोपियों की तलाश की जा रही है।

माध्यमिक शिक्षा परिषदों के रजिस्टर भी बरामद
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि गिरोह के पास से माध्यमिक शिक्षा परिषदों के रिकार्ड के ऑरिजनल रजिस्टर बरामद हुए हैं। इन रजिस्टर का इस्तेमाल करते हुए नकली मार्कशीट को भी असली की तरह बना देते हैं। जिस किसी को नकली मार्कशीट बनवानी होती थी, उसके नाम के अनुसार रजिस्टर से ऐसा रिकार्ड छांटा जाता था, जो बोर्ड रिकार्ड में मौजूद हो। इसके बाद बोर्ड रिकार्ड के अनुसार ही नंबर और नाम के अनुसार फर्जी मार्कशीट बनाकर दे दी जाती थी। ऐसे में यदि कहीं से सत्यापन के लिए बोर्ड को सूचना भेजी जाती तो रिकार्ड में सारी सूचना दर्ज मिलती।

कोई भी मार्कशीट, तीन दिन में बनेगी
गिरोह ने कई तरह की यूनिवर्सिटी और बोर्ड की असली मार्कशीट हासिल की हुई थी। इसके बाद गिरोह में शामिल एक्सपर्ट की मदद से इनकी नकल तैयार कर ली जाती थी। इन्हीं मार्कशीट पर बाद में खरीदार के बताए अनुसार सूचना भरकर बेच दिया जाता था। गिरोह के सदस्यों ने बताया कि पिछले तीन साल में एक लाख से ज्यादा मार्कशीट मार्केट में बेच चुके हैं।

इन विवि की मिली मार्कशीट
आरोपियों के कब्जे से पुलिस ने सुभारती विवि, सीसीएसयू, सिक्किम मनिपाल यूनिवर्सिटी, पंजाब विवि, राजस्थान यूनिवर्सिटी समेत यूपी के कई अन्य विश्वविद्यालय की मार्कशीट बरामद की गई। इसके अलावा भी कई बोर्ड की मार्कशीट और डिप्लोमा के दस्तावेज बरामद किए गए हैं। यूपी बोर्ड से लेकर सीबीएसई और अन्य कई राज्यों के बोर्ड के दस्तावेज और मार्कशीट भी मिली हैं।